घर परिवार की शान होती है बेटी: नीलम गर्ग

पंचकूला । आज हमारे समाज में जिस प्रकार से नारी का शोषण हो रहा है हम हर दिन अखबारों के माध्यम से नारी के साथ हो रहे शोषण की खबरे पड़तें है तो बहुत दुख होता हैं आज हमारा समाज 21वीं सदी की ओर अग्रसर हो रहा है लेकिन कुछ समाज के लोग अपनी नारी के प्रति मानसिकता को नही बदल पा रहे जिस कारण नारी शर्मसार होने पर मजबूर होती है यह बात अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन चंड़ीगढ़ की प्रधान नीलम गर्ग ने एक प्रेसविज्ञप्ति जारी करते हुए कही उन्होंने कहा 74 साल की आजादी के बाद भी देश की सरकारें ‘ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ” का नारा लगाने को मजबूर है आखिर क्यों ? हम लोग क्यों भूल जाते है कि नवरात्रों के दिनों में हम पूजा के लिए कंजक को ढूंढते हैं तो हम क्यू याद नही रखते वो कंजक बेटी ही है जिस घर मे बेटी पैदा होती हैं उस घर में सुख समृद्धि अपने आप आ जाती है और एक बेटी ही है जो पराये घर जाकर उस घर को परिवार का नाम देती है और समाज में उस परिवार का नाम रोशन करती है
उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनके 2 बेटियां है और उन बेटियों से घर मंदिर के रूप में पूजनीय हो रखा है ओर उनके पालन पोषण में मेरा परिवार शिक्षा से लेकर उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए उन्हें आत्म निर्भर बनाने में लगा रहता है और दोनों बेटियां मेरे परिवार की आंखों का नूर है इसलिए में सबसे विनती करती हूं कि बेटी आपके परिवार का नूर है इसलिए अपनी मानसिकता को बदलो ओर बेटियों से प्यार करो

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