हिमाचल प्रदेश के पौने दो लाख सरकारी कर्मचारियों को बजट से कई तरह की आस है। किसी को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार संशोधित वेतनमान की दरकार है तो किसी को नियमित नौकरी चाहिए। राज्य के अनुबंध कर्मचारी कांट्रैक्ट अवधि तीन साल से घटाकर दो साल करने के लिए ठोस नीति बनाने की मांग कर रहे हैं। अस्थायी कर्मचारी अपने लिए नीतियां बनाने या अनुबंध पर लाने की मांग कर रहे हैं। वर्तमान में राज्य सरकार पंजाब के आधार पर अपने कर्मचारियों को वेतनमान देती रही है। पंजाब ने अभी तक अपने कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान नहीं दिए हैं। प्रदेश के विभिन्न विभागों के कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग कर रहे हैं। जल रक्षकों, आंगनबाड़ी वर्कर, आशा वर्करों, सिलाई अध्यापिकाओं, अनुबंध, पीरियड आधारित शिक्षकों आदि को भी बजट से मानदेय बढ़ाने, नियमितीकरण अवधि घटाने, नियमित करने की नीति बनाने जैसी कई उम्मीदें हैं।
Source: Amar Ujala