कांग्रेस द्वारा भाजपा के कार्यक्रमों की नकल का नाकाम प्रयास : सुरेश कश्यप

 

शिमला। लोकसभा के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप अब मंडी संसदीय क्षेत्र के दौरे पर रहने वाले हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष 29 सितंबर को आनी व करसोग मंडल की बैठक आनी में लेने जा रहे है। ,30 सितंबर को रामपुर व निचार मंडल की बैठक झाकड़ी में होने जा रही है।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के प्रभारी राजीव शुक्ला हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की वास्तविक परिस्थितियों को देख स्वयं घबरा गए हैं और पूरे समय वह अपने नेताओं की प्रतिष्ठा बचाने का प्रयास कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को अपनी संगठनात्मक योजनाओं को धरातल पर उतारते हुए वर्षों लगें है, जिनका कांग्रेस भाजपा की नकल करने का नाकाम प्रयास कर रही है वह कभी सफल नहीं हो पाएगी। कांग्रेस के सभी नेता केवल हवाई योजनाएं बनाने में विश्वास रखते हैं और जनता को हमेशा झूठे सपने दिखाने में अग्रिम रहे हैं।
आज कांग्रेस पार्टी उसी कृषि बिल को लेकर धरना प्रदर्शन कर रही है जिसका उन्हींने अपने घोषणपत्र में उल्लेख किया था, उन्होंने कहा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर बताएं कि किसान के लिए माड़िया या न्यूनतम समर्थन मूल्य कहां समाप्त हुआ है, कांग्रेस जनता को गुमराह करना बंद करे । उन्होंने कहा की कुलदीप राठौर विधि स्नातक है वह कानून को अच्छे से पढ़े और जनता को गुमराह ना करे । आज एक बार फिर कांग्रेस पार्टी बिचौलियों के समर्थन में खड़ी है व इन बिलों का विरोध का अपने किसान विरोधी चेहरा जनता के सामने लाई है , जिस प्रकार से केंद्र में मोदी सरकार ने योजनाएं बनाई है और कृषि बिल पारित किए है उससे कांग्रेस का कमीशन का खेल समाप्त हो जाएगा और भारत के किसानों को अभूतपूर्व लाभ होगा।
उन्होंने कहा की भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा एवं भाजपा के सभी नेतागण घर घर जाकर जनसंपर्क अभियान चलाएंगे , भाजपा हमेशा किसानों के हक में कार्यरत रही है और स्वतंत्र किसान सशक्त किसान के नारे को लेकर आने वाले समय में किसानों की आय दुगनी करने की दिशा में बढ़ रही है, यह सिर्फ भाजपा सरकार की दृढ़ निश्चय, शशक्त नेतृत्व एवं ऐतिहासिक कार्यों का परिणाम है।
उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 70 वर्ष बाद किसानों को बिचौलियों से मुक्ति दिलाते हुए स्वामिनाथन समिति की सिफारिशों को लागू कर उन्हें देश भर में कहीं भी अपनी उपज को बेचने की आजादी दी है । विपक्ष भ्रम फैला रहा हैं कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म करने जा रही है, जबकि ऐसा कोई प्रावधान इन विधियों में नहीं है किसान को अपनी उपज की एमएसपी मिलती थी, मिलती है और मिलती रहेगी। अब किसान के पास एमएसपी के अतिरिक्त भी अपनी उपज बेचने के कई विकल्प होंगे ।

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