मंडी। ग्रामीण विकास विभाग की दूरदर्शी योजना पंचवटी के लागू होने से विकास खण्ड गोहर के अंतर्गत पड़ने वाले सिराज व नाचन विधानसभा क्षेत्र के पर्यटक स्थलों का कायाकल्प होने लगा है। मनरेगा कन्वर्जेंस पर आधारित इस योजना से जहां ग्रामीण पर्यटक स्थलों को प्रदेश के पर्यटन मानचित्र पर ला पाना सम्भव होगा वहीं प्रदेश के आर्थिक विकास में भी इस योजना के दूरगामी परिणाम होंगे।
यह जानकारी देते हुए पंचायती राज निदेशक ललित जैन ने बताया कि पंचवटी योजना के तहत खूबसूरत प्राकृतिक व सांस्कृतिक स्थलों जनता तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रसिद्ध जालपा माता मन्दिर सरोआ के समीप व नैना माता मंदिर के प्रांगण में ग्राम पंचायत नौण द्वारा, मांगलिक शादियों के लिए प्रसिद्ध देव बलाकामेश्वर मंदिर बनयुरी में ग्राम पंचायत बैला द्वार, चतुर्भुजा माता मंदिर के समीप ग्राम पंचायत सेरी द्वारा, प्रसिद्ध पर्यटक स्थल व देव श्री कमरुनाग मंदिर मार्ग पर मंडी रियासत की स्थापना स्थली गढ़ शकरैणी में ग्राम पंचायत शाला द्वारा, लम्बोदरी माता मंदिर के समीप ग्राम पंचायत बाड़ा द्वारा, चमोनी नाला व छोई वाटर फॉल की प्राकृतिक खूबसूरती को लोगों तक पहुंचाने के लिये ग्राम पंचायत कांडा बगस्याड़ द्वारा व देव काला कामेश्वर मंदिर तथा रैनगलु हेलीपेड के नजदीक ग्राम पंचायत शरण द्वारा सुंदर पंचवटियों का निर्माण कार्य जारी है।
उन्होंने बताया कि इस कड़ी में सिराज विधानसभा क्षेत्र से प्रदेश की मॉडल पंचायत ग्राम पंचायत मुरहाग में माता बगलामुखी के समीप में देश का पहला मनरेगा पार्क बनाकर पूरे देश के समक्ष एक जबरदस्त मॉडल पेश किया है वहीं नाचन विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत जहल ने माता मुंडासन मंदिर देवीदड़ के समीप दूरदर्शिता पूर्ण तरीके से कार्य कर शानदार पार्क तैयार कर दिया है।
उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि जिला में पंचवटियों के विकास के लिए निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं ताकि जिला के अनछूए क्षेत्रों की ओर पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके ।
खण्ड विकास अधिकारी गोहर निशांत ने बताया कि इन सभी पंचवटियों की विशेषता यह है कि इनमें न सिर्फ सुन्दर पार्क तैयार किये जा रहे हैं बल्कि स्थानीय लोगों को सामूहिक कार्यक्रमांे हेतु सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए मनरेगा से विभिन्न भवनों का निर्माण भी किया जा रहा है।इसके अतिरिक्त महिला स्वयम सहायता समूहों के लिए भी भवन बनाये जा रहे हैं ताकि स्थानीय महिलाओं व बेरोजगार युवकों के लिए रोजगार के साधन सृजित हों।इसके अतिरिक्त इन पार्कों में पौधारोपण व जल संरक्षण के कार्य भी किये जा रहे हैं जिससे ये पर्यावरण संरक्षण का मॉडल बनकर भी उभरे हैं।
प्रत्येक पंचवटी पर 60 से 70 लाख रुपये तक की राशि व्यय की जा रही व सभी स्थानों पर युद्ध स्तर पर कार्य जारी है। प्रदेश सरकार की यह दूरदर्शी योजना ग्रामीण छिपे हुए पर्यटक स्थलों के विकास के लिए वरदान साबित होगी।