शिमला। प्रदेश कांग्रेस किसानों और मजदूरों के हक्को की निर्णायक लड़ाई लड़ेगी।प्रदेश में कांग्रेस इसे एक जन आंदोलन के रूप में शुरू करेगी और यह तब तक जारी रखेगी,जबतक सरकार देश मे किसान व मजदूर विरोधी कानून को वापिस नही ले लेती।
प्रदेश कांग्रेस महासचिव रजनीश किमटा ने आज यहां बताया कि केंद्र की मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों का अब डट कर विरोध किया जाएगा।अब देश से अन्याय या किसी भी प्रकार की तानाशाही निर्णय सहन नही होगा।सरकार की जनविरोधी नीतियों व निर्णयों के खिलाफ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व स्व.प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती 2 अक्टूबर से प्रेदश भर में किसान व मजदूर बचाओ जन आंदोलन के रूप में शुरू किया जाएगा।
किमटा ने कहा कि 2 अक्टूबर से नए किसान व मजदूर विरोधी कानून के विरुद्ध एक बड़ा हस्ताक्षर अभियान भी शुरू किया जाएगा।उन्होंने कहा कि इस कानून के विरोध में प्रदेश के हर ब्लॉक से कम से कम पांच हजार लोंगो के और पूरे प्रदेश से साढ़े तीन लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर करवा कर इसे जनमत के तौर पर देश के राष्ट्रपति को भेजा जाएगा।
किमटा ने बताया कि 10 अक्टूबर को प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रदेश के मुख्यमंत्री के गृह जिला मंडी में इस कृषि कानून के विरोध में राज्यस्तरीय सम्मेलन, करेगी।इसमें प्रदेश कांग्रेस के सभी नेताओं के अलाबा बड़ी संख्या में किसान, बागवान,व मजदूर भाग लेंगे।
किमटा ने कहा कि देश के किसान इस कानून का विरोध कर रहें है और सरकार अपनी आंखें मूंदे बेठी है।उन्होंने कहा कि यह नया कानून पूरी तरह से किसान व मजदूर विरोधी है।उन्होंने कहा कि इस कानून से अब देश मे जमाखोरी व कालाबजारी बढ़ेगी।किसानों को जहां एक ओर उनकी उपज का सही दाम नही मिलेगा वहीं वह साहूकारों व बड़ी कंपनियों का गुलाम बन कर रहे जाएगा।उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश प्रदेश में किसानों व मजदूरों की लड़ाई लड़ेगी,और यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जबतक की सरकार इस काले कानून को वापिस नही ले लेती।उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह बाजार को निजी हाथों में सौंप कर पूरी व्यवस्था को अस्त व्यस्त करने में जुटी है।