शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीस) के निदेशक मंडल की 155वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश में निगम की इकाइयों को लाभप्रद और व्यवहार्य बनाने के लिए अधिक सक्रिय और व्यावसायिक दृष्टिकोण अपनाने पर बल दिया।
जय राम ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने प्रदेश के पर्यटन उद्योग को बुरी तरह प्रभावित किया है। निगम 1 अपै्रल से 30 नवम्बर, 2020 तक 18.42 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित करने में सफलता हासिल की जबकि पिछले वर्ष इस अवधि के दौरान 63.24 करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति हुई। निगम ने महामारी के दौरान क्वारंटीन सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश सरकार को अपनी संपत्तियां उपलब्ध करवाकर 70 लाख रुपये की धनराशि अर्जित की।
उन्होंने कहा कि निगम को अपने कार्य में कुशलता लाने के लिए परिभाषित मापदण्डों और केन्द्रित लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए। बुकिंग और आॅक्यूपेंसी के लिए लक्ष्य निर्धारित किए जाने चाहिए और प्रतिस्पर्धा की भावना से कार्य करने को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए, जिसके लिए इन कार्यांे को प्रोत्साहनों के साथ जोड़ा जा सकता है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि अटल टनल रोहतांग के खुलने से कुल्लू और लाहौल-स्पीति जिलों में पर्यटकों की आवाजाही में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है इसलिए पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। जिला लाहौल-स्पीति में सिसू से केलांग के बीच पर्यटकों को ठहरने और खाने-पीने की सुविधाएं प्रदान करने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को सरकार की होम-स्टे योजना का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए, जिससे न केवल उनकी आर्थिकी सुदृढ़ होगी बल्कि पर्यटकों को जनजातीय क्षेत्रों की समृद्ध और अनूठी संस्कृति व जीवनशैली की झलक भी देखने को मिलेगी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि निगम को जिस्पा और सिसू में पर्यटकों को ठहरने की सुविधा प्रदान करने के लिए टेंट और प्री-फैब्रीकेटिड ढांचे की सुविधाएं उपलब्ध करवाने की सम्भावनाएं तलाशी जानी चाहिए। पर्यटकों की सुविधा के लिए केलांग में निगम के चन्द्रभागा होटल का जीर्णोंद्धार और विस्तार किया जाएगा। उन्होंने पर्यटकों को सड़क के किनारे सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए विशेष कदम उठाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री न कहा कि निगम ने अगले वर्ष 31 मार्च तक अपनी सभी परिसम्पत्तियों में किराये में 40 प्रतिशत छूट दी है, जबकि पहले पर्यटकों को 25 से 40 प्रतिशत की छूट मिल रही थी। इसी कारण कोविड-19 के बावजूद निगम की परिसम्पत्तियों में ठहरने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दृष्टिगत मेहमानों को विभिन्न प्रकार के रोग प्रतिरोधक व्यंजन परोसे जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि निगम कुछ वर्षों से घाटे में चल रही कुछ परिसम्पत्तियों को पट्टे पर देने पर विचार कर सकता है जिससे निगम को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा और इनमें तैनात कर्मचारियों की सेवाएं अन्य स्थानों पर ली जा सकती हैं। इसी प्रकार, काफी अर्से से उपयोग में नहीं लाई जा रही सड़क किनारे सुविधाओं को भी निगम के लाभ के लिए अन्य विभागों को या पट्टे पर हस्तांतरित किया जाना चाहिए।
जय राम ठाकुर ने कहा कि निगम के मौजूदा कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर अधिक बल दिया जाना चाहिए ताकि वे पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान कर सकें।
सचिव पर्यटन देवेश कुमार ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि निगम अधिक व्यावसायिक दृष्टिकोण के साथ कार्य कर वांछित परिणाम प्राप्त करने की दिशा में प्रतिबद्धता के साथ काम करेगा।
निगम की प्रबन्ध निदेशक कुमुद सिंह ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।
मुख्य सचिव अनिल खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जे.सी. शर्मा, निदेशक पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन यूनुस सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।