शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि बर्ड फ्लू को फैलने से रोकने के लिए लोगों को सुरक्षा उपायों को अपनाने के बारे में संवेदनशील बनाने के लिए सूचना, शिक्षा और संचार पर बल दिया जाना चाहिए। वह बर्ड फ्लू के कारण उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए आज यहां बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में अन्य राज्यों से पोल्ट्री उत्पादों को लाने पर एक सप्ताह के लिए प्रतिबन्ध लगाया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अन्य राज्यों से पोल्ट्री उत्पादों के माध्यम से संक्रमण न आए।
जय राम ठाकुर ने कहा कि अब तक बर्ड फ्लू के कारण 4,324 प्रवासी पक्षियों की मौत हुई है। इन पक्षियों को प्रोटोकाॅल के अनुसार दफनाया जा रहा है, ताकि वायरस के प्रसार को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि पशुपालन और वन्य प्राणी विभाग के 65 त्वरित प्रतिक्रिया दल पौंग डैम और आसपास के क्षेत्रों की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बर्ड फ्लू की तीव्रता को ध्यान में रखते हुए पशुपालन विभाग द्वारा पोल्ट्री सैंपल आर.डी.डी.एल जालन्धर को भेजे गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सोलन जिला के उप-मण्डल धर्मपुर में 1000 पालतु मृत मुर्गियां फेंकी हुईं पाई गई थीं। इन्हें गहरे में दबा कर निपटाया गया और क्षेत्र को प्रोटोकाॅल के अनुसार सेनेटाइज किया गया तथा सैंपल जाॅंच के लिए आर.डी.डी.एल जालन्धर भेजे गए। उन्होंने कहा कि अब तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में 215 अन्य पक्षी मृत पाए गए हैं।
जय राम ठाकुर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जलाशयों के आसपास पक्षियों पर कड़ी निगरानी रखी जाए और लोगों को पोल्ट्री उत्पादों के उचित रख-रखाव के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बर्ड फ्लू के निवारक उपायों के बारे में लोगों में जागरूकता लाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिये। उन्होंने लोगों से उनके क्षेत्रों में मृत पक्षी पाए जाने की स्थिति में पशुपालन और वन्य जीव विभागों को सूचित करने का भी आग्रह किया।
मुख्य सचिव अनिल खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव पशुपालन निशा सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व आरडी धीमान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जेसी शर्मा, प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन डाॅ. सविता, निदेशक पशुपालन डाॅ. अजमेर डोगरा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।