करसोग। जिला मंडी के उपमंडल करसोग के तहत पड़ने वाले धार्मिक तीर्थ एवं पर्यटक स्थल तत्तापानी में लोहड़ी व मकर संक्रांति मेला कोरोना की भेंट चढ़ गया है। कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने मेले की अनुमति नहीं दी है। यह पहली बार है कि वैश्विक महामारी के कारण इस बार ये प्रसिद्ध पर्व नहीं मनाया जा रहा है।
लोहड़ी और मकर सक्रांति पर्व में इस बार तत्तापानी सुनसान पड़ा है। शिमला-करसोग मार्ग पर तत्तापानी में कुछेक ही दुकानें सजी है. इसी तरह से गर्म पानी के चश्मों के समीप भी दुकानें नहीं सजाई गई है। लोहड़ी और मकर सक्रांति पर्व का मेला पूरा महीना चलता है। जिसमें देश सहित प्रदेश के कोने कोने से श्रद्धालु पहुंचते हैं।
मेला न लगने से भारी नुकसान
ऐसे में मेले के दौरान लाखों का कारोबार होता है, लेकिन इस बार मेला न लगने से कारोबारियों के चेहरे लटक गए हैं। कारोबारियों को भी मेला न लगने से भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। पिछली बार मकर संक्रांति में एक ही बर्तन में 1995 किलो खिचड़ी पकाई गई थी। जो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुई थी। जो पांच घण्टे में बनकर तैयार की गई थी।
खिचड़ी को 20 हजार लोगों को परोसा गया था
इस खिचड़ी को 20 हजार लोगों को परोसा गया था। ऐसे में धार्मिक पर्यटन स्थल तत्तापानी का नाम विश्व के मानचित्र में दर्ज हो गया है। लोगों को इस बार भी लोहड़ी और मकर सक्रांति का बेसब्री से इंतजार था, लेकिन वैश्विक महामारी ने विश्व भर में श्रद्धालुओं को मायूस कर दिया है।
इस बार लोहड़ी और मकर सक्रांति पर्व नहीं मनाया जा रहा
एसडीएम करसोग सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से कोविड-19 को देखते हुए सरकार ने 50 से अधिक लोगों की भीड़ एकत्रित न करने के आदेश जारी किए हैं। इस बार लोहड़ी और मकर सक्रांति पर्व नहीं मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि कोई भी नियम के उल्लंघन करता है तो उसके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।