हिमाचल प्रदेश भाजपा ने भाजपा के संस्थापक पंडित दीनदयाल की 53वीं पुण्यतिथि को समर्पण दिवस के रूप में पूरे प्रदेश भर में मनाया

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शिमला। भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश ने भाजपा के संस्थापक पंडित दीनदयाल की 53वी पुण्यतिथि को समर्पण दिवस के रूप में पूरे प्रदेश भर में मनाया। इसी उपलक्ष में सभी मंडलों में पुष्पांजलि के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस उपलक्ष में शिमला प्रदेश कार्यालय दीप कमल चक्कर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य रूप से जिला शिमला की प्रभारी एवं प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्षा डेज़ी ठाकुर, भाजपा प्रदेश सचिव कुसुम सदरेट, कार्यालय सचिव प्यार सिंह कंवर, प्रदेश प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के संयोजक राजपाल सिंह, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी करण नंदा, प्रदेश कौशल विकास निगम के अध्यक्ष नवीन शर्मा उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा जिला शिमला के अध्यक्ष रवि मेहता द्वारा की गई।
कार्यक्रम की प्रस्तावना शिमला ग्रामीण के मंडल अध्यक्ष दिनेश ठाकुर द्वारा की गई।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाजपा के 2017 के प्रत्याशी प्रमोद ठाकुर ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय एकात्म मानववाद की पृष्ठभूमि रखने वाले व्यक्तित्व थे। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी को मूल मंत्र पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा दिया गया है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के संयोजक राजपाल सिंह ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने अपने जीवन में बहुत कठिन परिस्थितियों का सामना किया 9 वर्ष तक वह स्कूल ना जा पाए और उसके उपरांत अपनी मेहनत द्वारा कॉलेज और यूनिवर्सिटी में अपनी शिक्षा पूर्ण की। आईएएस में चयन होने के उपरांत भी उन्होंने देश सेवा को प्रथम चुना, वह संघ के प्रचारक थे और जब उनको राजनीतिक क्षेत्र में भेजा गया तो उन्होंने तुष्टीकरण की राजनीति समाप्त करने के लिए उत्तम कार्य किया, वह एक सफल पत्रकार, आर्थिक विशेषज्ञ भी थे । उन्होंने कहा पंडित दीनदयाल का समग्र दर्शन में भारतीय राजनीति की दशा क्या हो का दर्शन होता है।
ज़िला अध्यक्ष रवि मेहता ने कहा एक राष्ट्र के रूप में, एक समाज के रूप में भारत को बेहतर बनाने के लिए पं. दीनदयाल के चिंतन और विचार पीढ़ियों को प्रेरित करने वाले हैं।
उन्होंने कहा भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं के लिए पंडित दीनदयाल द्वारा दिखाया गया मार्ग प्रेरणा देता है। उनकी पुण्यतिथि पर शत्-शत् नमन।
उन्होंने कहा जब आजाद भारत के नवनिर्माण के लिए विदेशी मॉडल को अपनाने पर जोर दिया जा रहा था तब पंडित जी ही थे जिन्होंने भारत की राष्ट्रनीति, अर्थनीति व समाजनीति भारत की जड़ों से जुड़ी हो, ये मंत्र देकर एकात्म मानववाद व अंत्योदय के सिद्धांत के जरिए भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने की नींव रखी थी।
ज़िला शिमला की प्रभारी डेज़ी ठाकुर ने कहा कि पंडित दीनदयाल जी की दृढ़ इच्छाशक्ति का एक विराट स्वरूप सामने आया जब  अंत्योदय पर पूरे देश भर में काम शुरू हुआ, यह उनके ही दृष्टिकोण का परिणाम था जिससे आज गरीबों के बारे में विशेष नीतियों का स्थापन हो रहा है।
उन्होंने कहा पंडित जी एक महान विचारक, दार्शनिक, भारतीय मूल प्रणाली और संस्कृति में मजबूत विश्वास रखते थे
और जो \’एकात्म मानववाद\’ के अपने मूल्यों के पर जीते थे।
\”अंत्योदय\” का आह्वान करते हुए उन्होंने आह्वान किया अंतिम व्यक्ति के जीवन को ज्ञानवर्धन करना।

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