शिमला । पूर्व मंत्री श्यामा शर्मा को मरणोपरांत गार्ड आफ आनर से वंचित रखने पर इंटरनैशनल हयुमन राईट ओर्गनाईजेशन तल्ख है । संस्था ने हिप्र राज्य प्रशासन से इस लापरवाही पर जवाब तलबी की है । बीते सोमवार को पूर्व मंत्री श्यामा शर्मा की अकस्मात मृत्यु हो गई थी जिसमे कोरोना पाजिटिव की वजह का ह्वाला दिया गया था । पूर्व मंत्री की अंत्येष्ठी कोरोना प्रोटोकोल नियमो के अंतर्गत अमल मे लाई गई । लेकिन पूर्व मंत्री को गार्ड आफ आनर नही दिया गया । आनन फानन मे जिला प्रशासन द्वारा खाता भरपाई किए जाने से पूर्व मन्त्री के समर्थकों मे खासा रोष दर्ज किया गया। हैरानी की बात तो यह रही कि हिमाचल प्रदेश राज्य प्रशासन के तहत विभिन्न जिला प्रशासन कार्यालयों मे कोरोना प्रोटोकोल मे गार्ड आफ आनर बावत जानकारी का अभाव दर्ज किया गया । वहीं सिरमौर जिला प्रशासन ने तर्क दिया कि कोरोना प्रोटोकोल मे गार्ड आफ आनर नही दिया जाता जबकि हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सचिव यशपाल शर्मा ने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि कोरोना प्रोटोकोल मे गार्ड आफ आनर का विधान दर्ज है हाँलाकि विधान के मुताबिक गार्ड आफ आनर बड़े स्तर पर नही किया जाता लेकिन आंशिक तौर पर दिया जाता है । उन्होने इस बावत कई उदाहरण भी पेश किए । श्यामा शर्मा 1977 में पहली बार नाहन विधानसभा क्षेत्र से राज्य विधानसभा के लिए चुनी गई और सरकार में राज्य मंत्री के पद पर आसीन रही। उसके बाद श्यामा शर्मा ने 1982 व 1990 में राज्य विधानसभा में नाहन विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया व योजना बोर्ड की उपाध्यक्ष भी रही। प्रशासनिक लापरवाही का यह मामला इंटरनैशनल हयुमन राईट ओर्गनाईजेशन तक पहुंच चुका है । संगठन के समन्वयक यतीश शर्मा ने मामले मे कड़ा संज्ञान लेने की बात कही है। उन्होने कहा कि शिघ्र ही मुख्यमन्त्री जयराम ठाकुर को मामले से सम्बंधित ज्ञापन सौंपा जाएगा और इस बडी लापरवाही के जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्र्वाई किए जाने की मांग उठाई जाएगी ।