उत्तराखंड के चमोली में सात फरवरी को जल प्रलय में जान गंवाने वाले हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के राकेश कपूर (33) का शव सोमवार को पैतृक गांव पहुंचते ही गांव के लोग रो पड़े। पालमपुर की नच्छीर पंचायत के राकेश कपूर का सोमवार शाम को पैतृक गांव के श्मशानघाट पर दाह संस्कार किया गया। राकेश का शव घर पहुंचते ही माहौल गमगीन हो गया। पत्नी अनीता व माता मछरो देवी का रो-रो कर बुरा हाल था।
भाइयों रमेश, सुरेश, राजेश, संतोष और चचेरे भाई रिटायर एक्सईएन आरसी कपूर, डीके कपूर भी खुद को संभाल नहीं पा रहे थे। प्रशासन की ओर से तहसीलदार वेदप्रकाश पहुंचे थे। विधायक आशीष बुटेल, वूल फेडरेशन के अध्यक्ष एवं प्रदेश भाजपा महामंत्री त्रिलोक कपूर, पंचायत प्रधान उमा देवी और उपप्रधान संतोष कपूर समेत पंचायत के सदस्य भी मौजूद थे।
चमोली में ऋषिगंगा प्रोजेक्ट में काम करने वाले राकेश का शव रविवार को प्रोजेक्ट में दबा मिला था। परिजन वहां से शव लेकर सोमवार शाम को घर पहुंचे। करीब आठ दिन से जमीन में शव के दबे होने के चलते दाह संस्कार की तैयारियां वहां से शव के चलने के बाद ही सोमवार को शुरू हो गई थीं।
लिहाजा, घर में करीब पौना घंटा रखे शव के बाद उसका दाह संस्कार कर दिया गया। राकेश की अंतिम यात्रा में भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। राकेश कपूर की अंतिम यात्रा में भारी भीड़ जुटी। पत्नी अनीता पति के पार्थिव शरीर से लिपट लिपट कर रोईं।
चमोली गए भाई संतोष कपूर ने कहा कि वह भगवान से यह ही प्रार्थना करते रहे कि उनका भाई सलामत मिल जाए, लेकिन उनका शव मिलते ही सबकी आस टूट गई।
सुधीर कटौच, प्रेजिडेंट सोशल वेलफेयर क्लब इंदौरा ने कहा यह बेहद दुख वाली घड़ी है, भगवान दिवगत कि आत्मा को शांति प्रदान करें और परिवार को सहने कि श्रमता प्रदान करें ।
तहसीलदार पालमपुर वेदप्रकाश अग्निहोत्री ने कहा कि राकेश कपूर का सोमवार को दाह संस्कार कर दिया गया। परिवार को सरकारी नियमों व अगले आदेशों के बाद जो भी सहायता होगी, उपलब्ध करवा दी जाएगी।