कोविड-19 अभियान के कार्यान्वयन के लिए राज्य संचालन समिति की बैठक आयोजित

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शिमला। प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि कोविड-19 टीकाकरण अभियान के कार्यान्वयन के लिए राज्य संचालन समिति की बैठक आज यहां मुख्य सचिव अनिल खाची की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों, जिनके प्रथम पंक्ति कार्यकर्ताओं को टीका लगाया जा रहा है उन्हें निर्देश दिए कि वे सभी को टीकाकरण के लिए सूचित करें कि वे स्वयं टीकाकरण करवाएं। उन्होंने सभी विभागों को टीकाकरण अभियान के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों (एचसीडब्ल्यू) और प्रथम पंक्ति कार्यकर्ताओं (एफएलडब्ल्यू), जिन्हें पहली खुराक का टीका लगाया गया है उन्हें दूसरी खुराक का शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
सचिव स्वास्थ्य अमिताभ अवस्थी ने प्रदेश में चलाए जा रहे कोविड-19 टीकाकरण अभियान के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
मिशन निदेशक (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) डा. निपुण जिन्दल ने बताया कि राज्य में तीन चरणों में कोविशिल्ड वैक्सीन की 3,67,500 खुराकें प्राप्त हुई हैं। उन्होंने  बताया कि 16 फरवरी 2021 तक 63,282 एचसीडब्ल्यू और 20,963 एफएलडब्ल्यू का टीकाकरण किया गया है, जोकि लक्ष्य के मुकाबले क्रमशः 76 प्रतिशत और 41 प्रतिशत है। एचसीडब्ल्यू और एफएलडब्ल्यू के लिए पहली खुराक की समय सीमा क्रमशः 20 फरवरी 2021 और 1 मार्च 2021 निर्धारित की गई है। समिति को अवगत करवाया गया कि 2907 एचसीडब्ल्यू को दूसरी खुराक भी प्रशासित की गई है। राज्य में टीके का अपव्यय 3.46 प्रतिशत हुआ है जोकि 10 प्रतिशत की अनुमेय सीमा से काफी कम है। एप्लीकेशन पर रिपोर्ट की गई एइएफआई 0.6 प्रतिशत  है। राज्य द्वारा गलत सूचना से निपटने और टीके के प्रति संकोच को खत्म करने के लिए नियमित सूचना, शिक्षा और संचार अभियान चलाया जा रहा है। टीकाकरण अभियान के सुचारू कार्यान्वयन के लिए सभी विभागों से सहयोग प्राप्त हो रहा है।

 

समिति ने राज्य के प्रदर्शन की सराहना की। समिति ने यह भी चर्चा की कि मीडियाकर्मी, बस ड्राइवर, कंडक्टर और शिक्षक आदि व्यक्तियों के अनेक वर्ग हैं जोकि जनता के सीधे संपर्क में आते हैं और कोविड-19 संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील माने जाते हैं। समिति ने निर्देश दिया कि प्रथम पंक्ति कार्यकर्ताओं के लिए चलाए जा रहे इस चरण में इन व्यवसायों के व्यक्तियों को कवर करने की अनुमति के लिए भारत सरकार के साथ मामला उठाया जा सकता है।

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