पालमपुर। अमरीका की जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी से हाल में पीएचडी की उपाधि प्राप्त हिमाचल की बेटी मालविका शर्मा द्वारा अग्नाशय (पाचन) और स्तन कैंसर के इलाज के लिए प्रभावी दवा एटलांटा-प्रोएजियों विकसित करने में सफलता प्राप्त की है। इस दवा को चिकित्सा क्षेत्र में इसे एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। सेल्युलर और आणविक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हेपाटोलॉजी जनरल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार जॉर्जिया राज्य विश्वविद्यालय के जीव विज्ञान से पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने वाली मालविका शर्मा, प्रोफैसर जी-रेन लियू और उनकी टीम द्वारा विकसित एटलांटा-प्रोएजियों अग्नाशय के कैंसर के उपचार और रोगी के लंबे समय तक जीवित रहने में प्रभावी दवा को विकसित करने में सफलता पाई है।
जनरल ऑफ एक्सपैरिमैंटल मैडीसिन में प्रकाशित एक-दूसरे अध्ययन से पता चलता है कि उपरोक्त दवा ट्रिपल-नैगेटिव ब्रेस्ट कैंसर के विरुद्ध भी खासी प्रभावी है जो तेजी से विकसित होने वाला और हार्ड-टू-ट्रीट प्रकार का स्तन कैंसर है, उसका निदान करता है। मालविका शर्मा ने बताया कि कैंसर से जुड़े फाइब्रोब्लास्ट एंजियोजेनेसिस या नई रक्त वाहिकाओं के विकास को बढ़ावा देते हैं। एंजियोजेनेसिस कैंसर के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि ठोस ट्यूमर को बढ़ने के लिए रक्त की आपूर्ति की आवश्यकता होती है। दोनों अध्ययनों में मालविका शर्मा, लियू और उनकी टीम ने रात-दिन मेहनत की है।
अग्नाशय के कैंसर के मामले में, यह रक्त वाहिकाओं को फिर से खोल देता है जो घने स्ट्रोमा के कारण उच्च असाधारण तनाव के कारण ढह जाता है। ट्रिपल-नैगेटिव स्तन कैंसर के मामले में दवा की एंटी-एंजियोजेनिक गतिविधि अनियमित, लीकी एंजियोजेनिक ट्यूमर वाहिकाओं को कम कर देती है। दोनों मामलों में प्रोएजियों ने दवाओं को प्रभावी रूप से कैंसर तक पहुंचने की अनुमति दी। मालविका शर्मा द्वारा दवा इस मायने में विशिष्ट है कि यह केवल कैंसर से जुड़े फाइब्रोब्लास्ट को लक्षित करती है, कोशिकाओं का एक उपवर्ग जो सक्रिय रूप से कैंसर का समर्थन करने में संलग्न है बल्कि निष्क्रिय फाइब्रोब्लास्ट के बजाय यह दवा के दुष्प्रभावों को कम करता है और इसकी प्रभावशीलता को बढ़ाता है।
न्यूयार्क के कैंसर इंस्टीच्यूट में शोध कर रहीं मालविका शर्मा
मालविका शर्मा मूलत: पपरोला बैजनाथ की रहने वाली हैं। इनके पिता संजय शर्मा पंजाब नैशनल बैंक से वरिष्ठ प्रबंधक सेवानिवृत्त हुए, वहीं इनकी माता डाॅ. अंजना मिश्र पपरोला आयुर्वैदिक कॉलेज में मैडीसिन विभाग में एसोसिएट प्रोफैसर हैं। मालविका शर्मा की दसवीं की पढ़ाई पालमपुर के माऊंट कार्मल स्कूल से हुई। इसके बाद पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से बी. फार्मा में स्वर्ण पदक प्राप्त किया और मोहाली के नाईपर संस्थान से एम. फार्मा में भी गोल्ड मैडल प्राप्त किया। एटलांटा यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने के बाद अब वह न्यूयार्क के सलोन कैटरिंग कैंसर इंस्टीच्यूट में शोध कर रही हैं।