विधानसभा प्रकरण पर विपक्ष का सदन से वॉकआउट, बिना विपक्ष के चला प्रश्नकाल

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शिमला। आज बजट सत्र के चौथे दिन भी विधानसभा में गतिरोध ख़त्म नहीं हो पाया। विपक्ष के निलंबित विधायक आज भी गेट में धरने पर बैठ तो वही  विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने सदन की कार्यवाही शुरू करने की इजाज़त दी। विपक्ष की तरफ़ से जगत नेगी ने पॉइंट ऑफ आर्डर के तहत 26 फ़रवरी के घटनाक्रम का ज़िक्र करते हुए विपक्ष के नेता सहित 5 सदस्यों की बहाली के मामला उठाया और कहा की सदन स्थगित होने पर उस दिन 4 मिनट बाद ही हाउस कैसे बुला लिया। विपक्ष के सदस्य क्या स्पाइडर मैन है जो इतनी जल्दी पहुंच जाते। सदन में एक तरफ कार्यवाही करते हुए सजा सुना दी।

यही नहीं मार्शल के माध्यम से एफआईआर दर्ज करवा सदस्यों के ऊपर राजद्रोह जैसी धाराएं लगा दी। विपक्ष के सदस्य कोई पाकिस्तानी नहीं है जिनके साथ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है। विपक्ष ने इस पर व्यवस्था मांगी लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रश्नकाल के बाद इस पर व्यवस्था दी जाएगी और प्रश्नकाल शुरू करने का ऐलान कर दिया। इस पर विपक्ष ने नारेबाज़ी शुरू कर दी और सदन से वॉकआउट कर दिया।

उधर विपक्ष वॉकआउट कर गया सदन में विपक्ष की गैरमौजूदगी में  प्रश्नकाल में पहला प्रश्न ठियोग के विधायक राकेश सिंघा ने मुख्यमंत्री से पूछा कि नगर निगम शिमला के अंतर्गत और अन्य एनएच में बर्फ़बारी के दौरान बर्फ हटाने के लिए क्या कदम उठाए गए व इस पर कितना खर्चा हुआ।

जवाब में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बताया कि बर्फ़ हटाने पर कुल 1205.54 लाख रुपए खर्च किए गए। इसमें शिमला ज़ोन में 568.60 लाख, कांगड़ा में 422.88, मंडी में 161.27, राष्ट्रीय उच्च मार्ग मर 36.18 लाख और नगर निगम शिमला में बर्फ़ हटाने पर 15.98 लाख रुपये ख़र्च किए गए। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस मर्तबा बर्फ़बारी भी कम हुई है इसलिए ख़र्च भी कम हुआ है।

इसके बाद देहरा के विधायक होशियार सिंह ने परिवहन मंत्री से पूछा कि परिवहन निगम का रोड़ टैक्स और टोकन टैक्स कितना बकाया है। इस को रिकवर करने के लिए निगम क्या कदम उठा रहा है। जवाब में उद्योग मंत्री विक्रम ठाकुर ने बताया कि 31 मार्च 2020 तक 46,697 डिफॉल्टर्स से टोकन टैक्स वसूलना है। 641 निज़ी बस ऑपरेटर औऱ 27 यूनिट परिवहन निगम की बसों से ये टैक्स लेना है। जिसको जल्द ही रिकवर किया जाएगा।

हमीरपुर के विधायक नरेंद्र ठाकुर ने युवा सेवा एवम खेल मंत्री से हमीरपुर इंडोर स्टेडियम के बारे में पूछा कि इस मैदान की स्थिति क्या है। जवब में राकेश पठानिया ने बताया कि इस मैदान के लिए 23 कनाल भूमि चयनित की गई है। डीसी हमीरपुर को इसकी औपचारिकता पूरी करने के निर्देश दिए गए है। बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी ने परिवहन मंत्री से बंजार क्षेत्र में बस अड्डा निर्माण और पार्किंग ब्लॉक की स्थिति के बारे में पूछा। जबाब में परिवहन मंत्री बिक्रम ठाकुर ने बताया कि अड्डा स्वीकृत है जैसे ही धन की उपलब्धता होगी। बस अड्डे के निर्माण का काम शुरू हो कर दिया जाएगा।

इसके बाद अनिल शर्मा ने सदन में युवा खेल सेवाएं मंत्री से मंडी में स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स हॉल और हॉकी एस्ट्रो टर्फ ग्राउंड बनाने का मामला उठाया। जवब में राकेश पठानियां ने बताया कि इस मैदान को लेकर जमीन की एनओसी का मामला अटका हुआ है। क्योंकि जमीन स्वास्थ्य विभाग के नाम है। ऐसे में यदि दूसरी जगह का चयन होता है तो इस मैदान का काम जल्द शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने भी इस बात का समर्थन किया।

ज्वालामुखी के विधायक रमेश ध्वाला ने पूछा कि गत 3 सालों में उत्तराखंड की तर्ज़ पर जड़ी बूटी उत्पादन बढ़ाने हेतु सरकार क्या कदम उठा रही है। जड़ी बूटी उद्यानों स्थापना हेतु नियम 118 में कितनी स्वीकृति दी गई। जवाब में स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने बताया कि ओषधिय पौधों के घटक के लिए 2017-18 में 75.5433 लाख 18-19 में 63.75 और 19-20 में 128.944 रुपए खर्च किए गए। जबकि इस दौरान धारा-118 में कोई स्वीकृति नहीं दी गई। वन औषधियों के उत्पादन के लिए हिमाचल का जलवायु उपयुक्त है। वन औषधियों के प्रति किसानों को प्रोत्साहन करने की जरूरत है। केंद्र आयुष मंत्रालय से मदद भी मिल रही है। वन मंत्री राकेश पठानियां ने ज़ायका के अंर्तगत भी जड़ी बूटी पर काम करने की बात कही।

अंतिम सवाल दून के विधायक परमजीत सिंह पम्मी ने मुख्यमंत्री से बद्दी में अग्निशमन केंद्र में कर्मियों के पदों की संख्या को बढ़ाने पर पूछा। जबाब में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बताया कि सरकार का ऐसा कोई विचार नही है।

इसी के साथ प्रश्नकाल समाप्त हो गया। प्रश्नकाल समाप्त होते ही मुख्यमंत्री ने विपक्ष के रवैये पर बोलना शुरू किया। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष 26 फ़रवरी को 4 मिनट में सदन बुलाने पर सवाल खड़ा कर रहा है जो गलत है क्योंकि जब सदन बुलाया गया तो विपक्ष परिसर में ही मौजूद था। जहां तक राजद्रोह का मामला बनाने की बात है तो राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के साथ दुर्व्यवहार करना विपक्ष की गलती है। अब कानून के मुताबिक़ कार्यवाही की जा रही है। विपक्ष के नेता की भाषा सही नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा की गई कार्यवाही जायज़ है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने विपक्ष के वॉकआउट की निंदा की।

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