जुन्गा की टिक्कर घाटी मानव परिदों से गुलजार

\"\"

शिमला। जुन्गा की टिक्कर घाटी इन दिनों मानव परिदों से गुलजार है । जुन्गा क्षेत्र में पैराग्लाईडिंग की संभावनाओं को देखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा यह कार्य एक निजी कंपनी द ग्लाईड इन नामक कंपनी को सौंपा गया है।  इस कंपनी द्वारा इस क्षेत्र में पैराग्लाईडिंग भी आरंभ कर दी है । जिसकी पुष्टि पर्यटन विभाग के एक अधिकारी दिलीप ठाकुर ने की है । उन्होने कहा कि  प्रदेश में अनछुए पर्यटक स्थलों को विकसित करने पर सरकार द्वारा विशेष प्राथमिकता दी जा रही है ताकि चयनित पर्यटक स्थलों पर दबाव कम हो सके ।
कसुंपटी क्षेत्र की पूर्व भाजपा प्रत्याशी विजय ज्योति सेन ने जुन्गा क्षेत्र में पैराग्लाईडिंग जैसे सहासिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार व्यक्त किया गया है । इनका कहना है कि जुन्गा क्षेत्र में धार्मिक व  सांस्कृतिक धरोहरों का अनमोल खजाना विद्यमान है । सरकार द्वारा इस क्षेत्र को पैराग्लाईडिंग के लिए उपयुक्त पाया गया है जिससे  जुन्गा क्षेत्र पर्यटन के अंतराष्ट्रीय मानचित्र पर पहली बार अपनी दस्तक देगा । उन्होने कहा कि जुन्गा अतीत से ही क्योंथल रियासत का मुख्यालय रहा है । जुन्गा का नामकरण क्योंथल रियासत के कुल देवता जुन्गा के नाम से हुआ है । कहा कि क्योंथल रियासत के पूर्व शासकों का नए व पुराने महल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहेंगे । इसके अतिरिक्त सैलानी जुन्गा पहूंचकर  मां काली तारा व देव जुन्गा के प्राचीन मंदिर के दर्शन भी कर सकेंगे। कहा कि जुन्गा क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से विकसित होने पर स्थानीय लोगों को घरद्वार पर स्वरोजगार के अवसर भी उपलब्ध होगें । कहा कि पर्यटकों के लिए जुन्गा में म्यूजियम बनाने पर भी विचार किया जाएगा जिसमें क्योंथल रियासत की दुर्लभ वस्तुओं को रखा जाएगा ।
द ग्लाईड इन संस्था के सीईओ अरूण रावत ने बताया कि बीड़ बिलिंग के बाद जुन्गा के टिक्कर में पैराग्लाईडिंग के लिए सबसे अच्छी साईट उपलब्ध है जिसका उनके द्वारा पूर्ण रूप से सर्वेंक्षण किया गया है और  पैराग्लाईडिंग भी आरंभ कर दी गई है । इनका कहना है कि टिक्कर नामक स्थान से पैराग्लाईडर अपनी उड़ान भरेगें और आसमान पर विचरण करने के उपरांत चैरी कडयार में अपनी लैंडिग करेगेे। जहां पर उनके द्वारा पैराग्लाईडरों के लिए अस्थाई कैंप भी लगाए गए है । उन्होने कहा कि देश विदेश से पैराग्लाईडर यहां आकर प्रकृति की नैसर्गिक छटा का आन्नद लेने के साथ साथ जुन्गा क्षेत्र की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहरों के भी दर्शन भी कर पाएगें । उन्होने कहा कि पर्यटन का नया गंतव्य विकसित होने से शिमला आने वाले पर्यटक जुन्गा, कोटी, जनेडघाट, साधुपुल इत्यादि क्षेत्र का भ्रमण भी करेगें जिससे स्थानीय लोग लाभान्वित होगें । इनका कहना है कि उनकी संस्था द्वारा साधुपुल में भी हेल हिमालया नाम से  ईको टूरिज्म साईट विकसित की गई है जहां पर वर्ष भी सैलानी आकर इसका आन्नद उठाते हैं ।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *