शनिवार को लाहौल के गांव बरबोग में तीन दिवसीय ‘घुस्तोर उत्सव’ का समापन हो गया। इस अवसर पर बरबोग में लामाओं द्वारा पारंपरिक और धार्मिक ‘छोक्स’ और ‘कुरिम’ का अनुष्ठान किया गया।
छोक्स में धार्मिक पाठ किया गया और कुरिम में डायनों को भगाने के लिए और आम जन मानस के सुख समृद्धि के लिए पाठ किया गया।
शनिवार के दिन गांव बारबोग में ग्राम देवता ‘हिशे गोनबो’ की मूर्ति का दर्शन आम जनता को दिया जाता है जोकि हर वर्ष धुस्तो।र के दिन ही दिया जाता है ।
मान्यता है कि इन दिनों डायनों व बुरी आत्माओं की गतिविधियों में वृद्धि होती है, जिससे मुक्ति के लिए ये धार्मिक पाठ किये जाते हैं।
परम्परा यह भी हैं कि पूजा की पिछली रात्री को लामा ध्यान में बैठकर डायनों की बैठक का दृश्य स्वप्न में देखते हैं, जिसके लिए अगले दिन पूजा की जाती है।
यह कहा जाता है कि आज के दिन सभी डायन एक जगह इकट्ठा होते हैं और वे जहां इकठ्ठा होते है,उस जगह या गांव में बाद में तुरंत वहां धार्मिक अनुष्ठान यानी कुरिम करना पड़ता है, ताकि भविष्य में कोई अनहोनी न हो ।
उल्लेखनीय है कि ज़िले में देश का दूसरा सबसे लंबा चलने वाला स्नो फ़ेस्टिवल चल रहा है। जिसमें स्नो प्रिंस व प्रिंसेस प्रतियोगिता के लिए ऑडिशन हुए।