शिमला। सरकारी स्कूलों में बेरोजगार कला अध्यापकों को नौकरी नहीं दिए जाने के मामले में प्रदेश बेरोजगार कला अध्यापक संघ ने मंगलवार को विस के बाहर प्रदर्शन किया। बेरोजगार शिक्षक करीब 11 बजे पंचायत भवन के पास एकत्र हुए। यहां से रैली निकालते हुए विधानसभा परिसर पहुंचे। करीब एक घंटे तक मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। संघ ने चेतावनी दी है कि अगर सरकारी स्कूूलों में रोजगार के अवसर प्रदान नहीं किए गए तो आंदोलन उग्र किया जाएगा। संघ के प्रदेशाध्यक्ष मुकेश भारद्वाज ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2005 से 2009 तक एससीवीटी के माध्यम से कला अध्यापक का प्रशिक्षण करवाया। प्रशिक्षण प्राप्त किए 14 साल हो गए हैं लेकिन अभी तक न तो कमीशन और न ही बैचवाइज भर्ती करवाई गई। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कला अध्यापकों के रिक्त पद पड़े हैं। सरकार अन्य श्रेणी के अध्यापकों की भर्ती कर रहा है लेकिन कला अध्यापकों के पदों को रिक्त रखा जा रहा है। शिक्षा मंत्री गोबिंद ठाकुर को मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपे जा रहे हैं लेकिन कुछ नहीं हो रहा है। उपाध्यक्ष नरेश कुमार और प्रेमदीप ने भी प्रदेश सरकार ने स्कूलों में कला अध्यापकों के पदों को भरने की मांग की है।
मांगें
कला विषय को पहली से दसवीं कक्षा तक अनिवार्य किया जाना
छात्रों को एक सामान शिक्षा उपलब्ध करवाई जाए कराई जाना।
आरटीई एक्ट में संशोधन कर मिडिल स्कूूलों में 100 छात्रों होने की कंडीशन को खत्म करना।
प्राइमरी से अपग्रेड हुए स्कूलों में कला अध्यापकों की तैनाती
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कला को जरूरी विषय माना गया है। उसी तरह कला को महत्व दिया जाए
हर साल अध्यापकों की भर्ती करना और कला को जरूरी विषय बनाया जाना।