शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में प्रदेश में शराब की बिक्री पर अतिरिक्त लाइसेंस फीस (कोविड सैस) लगाने का निर्णय लिया गया। अब देसी शराब की प्रति बोतल पर पांच रुपये शुल्क, आई.एम.एफ.एल. प्रति बोतल पर 10 रुपये, भारत में निर्मित बीयर/आर.टी.डी. प्रति बोतल/कैन पर पांच रुपये, विदेश से आयातित शराब (बी.आई.ओ.) प्रति बोतल पर 25 रुपये, बीयर/आर.टी.डी. (बी.आई.ओ.) प्रति बोतल/कैन पर 10 रुपये, भारतीय वाइन/साइडर की प्रति बोतल पर 10 रुपये और वाइन/साइडर (बी.आई.ओ.) की प्रति बोतल पर 25 रुपये कोविड सैस लगाया जाएगा।
मंत्रिमण्डल ने यह भी निर्णय लिया कि उद्योगों (एल-19 ए लाइसेंस) द्वारा स्वच्छता उत्पादों को बनाने के लिए प्रयोग किए जाने वाली सभी प्रकार की स्पिरिट पर उत्पाद शुल्क 10.50 रुपये से बढ़ाकर 15 रुपये प्रति बल्क लीटर किया जाएगा।
कोविड-19 आर्थिक पुनरुत्थान (इकाॅनोमिक रिवाइवल) के लिए गठित मंत्रिमण्डल उप समिति ने विकासात्मक कार्यों में तेजी लाने, विभिन्न क्षेत्रों में संसाधनों को जुटाने और विभिन्न क्षेत्रों के सहयोग के लिए अपनी सिफारिशों के बारे में मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुति दी।
उप समिति ने यह भी सिफारिश की बाहरी राज्यों से वापिस आये हिमाचलियों से उनके कौशल योग्यता की जानकारी ली जाए और इसे राज्य के श्रम एवं रोजगार और उद्योग विभाग के साथ साझा किया जाए ताकि उनकी योग्यता को उपलब्ध क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जा सके।
मंत्रिमण्डल ने आगामी कृषि और बागवानी फसलों की कटाई के दृष्टिगत उपाय भी सुझाए।
मंत्रिमण्डल उप समिति ने खनन कार्यों के कारण राजस्व क्षति को कम करने और फोरेस्ट क्लीयरेंस में तेजी लाने की सिफारिश भी की।
मंत्रिमण्डल ने कफ्र्यू छूट अवधि को पांच घंटे से बढ़ाकर सात घंटे करने को भी स्वीकृति प्रदान की।
शहरी स्थानीय निकाय में प्रत्येक घर में 120 दिन का अकुशल रोजगार गारंटी प्रदान करने के उद्देश्य से शहरी क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा बढ़ाने और मजदूरी का कार्य करने वालों को कौशल श्रम प्रदान कर स्वयं का उद्यम स्थापित कर सब्सिडी से जुड़ी क्रेडिट और
एंटरप्रेंयुरशिप प्रशिक्षण के लिए मंत्रिमण्डल ने मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गांरटी योजना को सहमति प्रदान की। इससे शहरी अधोसंरचना को मजबूत करने और शहरी स्थानीय निकायों में गुणवत्तापूर्ण नागरिक सुविधाओं को प्रदान करने में सहायता मिलेगी। इस महत्वकांक्षी योजना के अन्तर्गत 25.20 करोड़ रुपये व्यय होने का अनुमान है।
प्रदेश में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने और रोजगार की संभावनाओं को सृजित करने के लिए मंत्रिमंडल ने जिला सोलन के वाकनाघाट में एडीबी (एशियन डवेल्पमेंट बैंक) कार्यक्रम के अन्तर्गत पर्यटन, आतिथ्य क्षेत्रों सहित सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में उच्च स्तरीय प्रशिक्षण के लिए विशेष केन्द्र स्थापित करने को स्वीकृति प्रदान की। इससे उत्कृष्टता केंद्र के विद्यार्थियों को अन्तरराष्ट्रीय परिदृश्य में उनके शैक्षणिक अभिलेख एवं कार्य अनुभव को मजबूती मिलेगी और रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।
मंत्रिमण्डल ने राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों और सरकारी उपक्रमों, बोर्ड, विश्वविद्यालय इत्यादि के कर्मचारियों से एच.पी. एस.डी.एम.ए. कोविड-19 स्टेट डिजास्टर रिस्पाॅंस फंड में उदारतापूर्वक अंशदान करने का आग्रह किया।