करसोग। करसोग के कई क्षेत्र गर्मियों का सीजन शुरू होने से पहले ही पेयजल किल्लत से जूझ रहे हैं। विश्व जल दिवस पर ग्राम पंचायत शाहोट का एक प्रतिनिधिमंडल सराहन वार्ड से जिला परिषद सदस्य किशोरी लाल की अध्यक्षता में जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता से मिला। इस दौरान लोगों ने जल शक्ति विभाग को एक सप्ताह में पेयजल सप्लाई सुचारू देने का अल्टीमेटम जारी किया। इस अवधि में भी अगर पानी की समस्या को लेकर उचित कदम नहीं उठाया गया तो क्षेत्र की जनता सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेगी। लोगों का कहना है कि शाहोट सहित आसपास के क्षेत्रों में जनता लंबे समय से पानी की समस्या से जूझ रही है। हालत ये है कि क्षेत्र दो महीने बाद पानी की सप्लाई दी जा रही है। ये सप्लाई भी मात्र कुछ समय तक की जाती है। जिससे लोगों को रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना भी मुश्किल हो गया। पेयजल किल्लत की वजह से ग्रामीणों को दुधारू पशु बेचने की नौबत आ गई है। स्थित इतनी खराब है कि सरकार के स्वच्छ भारत के नारे के दावों के बाद लोग खड्डों का दूषित पानी पीने के लिए मजबूर है। यही नही लोगों को तीन से चार किलोमीटर का पैदल सफर तय कर पानी की व्यवस्था करनी पड़ रही है। जिससे उनका कीमती समय पानी का प्रबंध करने में बर्बाद हो रहा है। लोगों का कहना है कि मामले को कई बार जल शक्ति विभाग के ध्यान में लाया जा चुका है, लेकिन अभी तक समस्या का कोई भी समाधान नहीं हुआ है।
सराहन वार्ड से जिला परिषद सदस्य किशोरी लाल ने बताया कि पेयजल समस्या को लेकर शाहोट पंचायत से एक प्रतिनिधिमंडल जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता से मिला। पिछले पांच महीने से लगातार पेयजल किल्लत को लेकर जल शक्ति विभाग के पास जा रहे है, लेकिन सिवाए आश्वासन के कुछ नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि अब अगर एक सप्ताह में पानी की समस्या दूर नहीं हुई तो लोग उग्र आंदोलन करेंगे।
जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता अशोक भूपल का कहना है कि चैरा-धमून पेयजल योजना का कार्य अब अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा कि 3.50 करोड़ की लागत से तैयार हो रही इस योजना को अप्रैल माह जनता को समर्पित किया जाएगा। इससे क्षेत्र में लोगों को पेयजल किल्लत से निजात मिल जाएगी।