शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज भारतीय संविधान के निर्माता और भारत के पहले कानून मंत्री डाॅ. भीम राव अम्बेडकर को उनकी 130वीं जयंती पर अम्बेडकर चैक पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री ने इलेक्ट्राॅनिक मीडिया के साथ बातचीत करते हुए कहा कि डाॅ. अम्बेडकर ने न केवल भारत के संविधान का प्रारूप तैयार किया, बल्कि गरीब, अनुसूचित जाति और समाज के अन्य पिछड़े वर्गों के विभिन्न मुद्दों को भी उठाया। उन्होंने कहा कि डाॅ. अम्बेडकर ने शिक्षा को समाज में गुलामी को समाप्त करने के लिए एक उपयुक्त हथियार माना, जो पिछड़े वर्गों के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक उत्थान तथा समाज में उन्हें प्रतिष्ठा प्राप्त करने में भी महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डाॅ. अम्बेडकर ने अपना पूरा जीवन जातिवाद की कुप्रथा के खिलाफ एक आंदोलन का नेतृत्व कर इस सामाजिक बुराई को समाप्त करने के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि डाॅ. अम्बेडकर ने भारतीय समाज की वर्गीकरण संरचनाओं को बदलने, छुआछूत के उन्मूलन और निम्न वर्गाें के लिए समान अधिकारों तथा न्याय की बहाली के लिए अथक प्रयास किए।
जय राम ठाकुर ने देश के बाहरी राज्यों से प्रदेश वापिस आने वाले लोगों से आग्रह किया कि वे ऐहतियात के तौर पर अपने घरों में ही स्वयं को क्वारंटीन करें।
इसके उपरान्त, मुख्यमंत्री ने चक्कर में भाजपा के प्रदेश कार्यालय का भी दौरा किया और डाॅ. अम्बेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
सांसद एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप, शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. राजीव सैजल, विधायक बलबीर वर्मा और किशोरी लाल, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल, हिमफेड के अध्यक्ष गणेश दत्त, नगर निगम शिमला की महापौर सत्या कौंडल, उप-महापौर शैलेंदर चैहान, कैलाश फेडरेशन के अध्यक्ष रवि मेहता ने भी इस अवसर पर डाॅ. अम्बेडकर को पुष्पांजलि अर्पित की।