शिमला। हिमाचल प्रदेश में बीते तीन दिनों से हो रही बारिश, बर्फबारी और तूफान ने जन जीवन अस्तव्यस्त कर दिया है.लगातार हो रही बारिश से प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी हिमपात हुआ है वहीं मध्य और निचले क्षेत्रों में बारिश और ओलावृष्टि ने फसलों को क्षति पहुंचाई है.तीन दिनों से हो रही बारिश ने शिमला में भी भारी कहर मचाया है जिससे उपनगर संजौली में एक बहुमंजिला भवन धराशायी हो गया है.गनीमत यह रही कि भवन पूरी तरह से खाली था और उसमें रह रहे लोगों को एमसी प्रशासन और जिला प्रशासन ने सुरक्षित स्थान पर पहले ही स्थानांतरित कर दिया था.बता दें कि जिसका यह भवन था वह ऑस्ट्रेलिया में रहता है लेकिन कोरोना वायरस के चलते वह यहां नहीं आ सका.
मेयर सत्या कौंडल के मुताबिक़ भवन मालिक को इसकी सूचना दे दी गई है लेकिन भवन किस वजह से गिरा है उसकी जांच की जाएगी.बता दें कि बुधवार को भारी बारिश और ओलावृष्टि ने शहर में खूब कहर मचाया था जिसके चलते छ मंजिला भवन को खतरा पैदा हो गया था गुरुवार को प्रशासन ने इसे खाली करवाया और खुद शहरी मंत्री सुरेश भारद्वाज ने मौके का जायजा लिया और प्रभावित को हर सम्भव सहायता देने के निर्देश दिए और भवन को हुआ नुकसान पर एमडीएम को जांच के निर्देश दिए.गुरुवार रात को एक बार फिर भारी बारिश हुई जिसके चलते यह भवन ढह गया. शुक्रवार सुबह ही सूचना मिलते ही डीसी शिमला आदित्य नेगी मौके पर पहुंचे और हुए नुकसान का जायजा लिया.उन्होंने एसडीएम और एमसी की टीम को जांच करने के निर्देश दिए हैं.उधर भारी बारिश और बर्फबारी से ऊपरी शिमला में एक बार फिर जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है.जिला के नारकंडा, खड़ापत्थर, खिड़की,चांशल में ताजा हिमपात हुआ है.
लगातार बर्फबारी से सड़कों पर आधा फ़ीट से ज्यादा बर्फ जम गई है जिससे यातायात भी प्रभावित हो गया है. फिलहाल रामपुर,रोहड़ू,चौपाल, डोडरा क्वार जाने वाली सरकारी बसों की आवाजाही को रोक दिया गया है.अभी भी बर्फबारी के क्रम जारी है जिससे सड़क साफ करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है.उधर ,भारी बारिश से सेब,खुमानी, प्लम ,मटर, टमाटर समेत गेंहू और जौ की फसलें भी पूरी तरह से तबाह हो गई है.सेब बागीचों में जहां पहले ओलावृष्टि ने कहर बरपाया वहीं बर्फबारी ने सेब की टहनियों और फूलों को नष्ट कर दिया है जिससे आम किसान बागवानों को भारी नुकसान हो हुआ है.जिला प्रशासन ने हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए सम्बंधित विभाग को निर्देश दिए हैं और जल्द ही हुआ नुकसान का आंकलन करने को कहा है ताकि प्रभावितों को मुआवजा दिया जा सके।