निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिना मध्यस्थता की जा रही गेहूं की खरीद

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शिमला। कोरोना संकट को देखते हुए प्रदेश सरकार ने इस बार प्रदेश के किसानों से गेहूँ की सरकारी खरीद करने की पहल की है। प्रदेश में कई के केंद्रों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से गेहूँ खरीद का कार्य चल रहा है।
राज्य कृषि विपणन बोर्ड के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय कमेटी की बैठक में भारती खाद्य निगम को निर्देश दिए गए थे कि वर्तमान में चल रहे गेहंू खरीद केंद्रों के अतिरिक्त कांगड़ा जिले के ठाकुरद्वारा और सोलन जिले के नालागढ़ में भी केन्द्र खोले जाएं ताकि इन क्षेत्रों के लोगों को विपणन की सुविधा प्रदान की जा सके।
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट को देखते हुए किसानों की सुविधा के लिए  प्रदेश सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद बिना किसी मध्यस्थता के सीधे किसानों से की जा रही है। प्रदेश में अभी तक कुल आठ गेहूं खरीद केंद्र खोले जा चुके हैं।
प्रदेश में अभी तक किसानों से 1975 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 17002 क्विंटल गेहूं की खरीद की जा चुकी है। किसानों से 1975 रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कुल 17,002 क्विंटल गेहूँ खरीदी जा चुकी है।
विभाग ने प्रदेश के किसानों से आह्वान किया है कि सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही इस सुविधा का भरपूर लाभ उठाएं और अपनी उपज नजदीकी केंद्रों में लेकर आएं जिसका भुगतान 24 से 28 घंटों के अंदर उनके बंैक खातों में की जा रही है। उन्होंने कहा कि धान की खरीद के लिए भी इसी प्रकार कदम उठाए जा रहे हैं ताकि किसानों को विपणन संबंधी किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़े।

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