चुनाव आयोग ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए हिमाचल में दो उपचुनाव टाले

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मंडी। चुनाव आयोग ने मंडी संसदीय क्षेत्र व फतेहपुर विधानसभा का उपचुनाव टाल दिया है। चुनाव करवाने को लेकर आयोग अब उचित समय का इंतजार करेगा। कोरोना के मामले कम होने व राज्य सरकार की राय के बाद ही अब निर्णय होगा। कांगड़ा जिले के फतेहपुर विधानसभा की सीट पूर्व मंत्री एवं विधायक सुजान सिंह पठानिया के निधन से खाली हुई थी। उनका निधन फरवरी में हुआ था। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अंतर्गत खाली सीट भरने के लिए छह माह के अंदर उपचुनाव करवाना अनिवार्य होता है। बशर्ते शेष अवधि एक वर्ष या इससे अधिक हो। मंडी संसदीय क्षेत्र की सीट सांसद रामस्वरूप शर्मा के निधन से खाली हुई थी। उनका निधन मार्च में हुआ था। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के अंतर्गत दोनों सीटों को भरने के लिए अगस्त तक उपचुनाव करवाया जा सकता है।

चुनाव आयोग ने हालांकि उपचुनाव की तिथि का एलान नहीं किया था, लेकिन ऐसा माना जा रहा था कि पांच राज्यों के नतीजे आने के बाद उपचुनाव की घोषणा हो सकती है। राज्य निर्वाचन आयोग ने इसी तैयारियां शुरू कर दी थी। हरियाणा से एम3-इवीएम की खेप मंगवा ली थी। डाटा आपरेटर की रिहर्सल शुरू कर दी थी। विभागाध्यक्षों से चुनाव ड्यूटी के लिए कर्मचारियों के नाम मांग लिए गए हैं। नोडल अधिकारी तैनात कर दिए गए हैं। जून में उपचुनाव होने की संभावना जताई जा रही थी। कोरोना के मामले बढ़ने के बाद ईवीएम की प्रथम स्तर जांच का कार्य रोक लिया गया था। बरसात में मंडी संसदीय क्षेत्र में मतदान प्रक्रिया पूरी करवाना संभव नहीं है। बहुत से क्षेत्र भूस्खलन व बारिश से कटे रहते हैं।

कोरोना के हालत सामान्य होने के बाद अब आयोग अब 15 अगस्त के बाद चुनाव करवाने पर विचार कर सकता है। उपचुनाव टालने के फैसले का आम लोगों ने स्वागत किया है। वहीं चुनाव लड़ने वालों को अब कई माह और इंतजार करना होगा। सरकार को भी थोड़ी राहत मिल गई है। टिकट के दावेदारों को अपना पक्ष मजबूत करने के लिए कई माह का समय मिल गया है।

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