शिमलाा । भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा संसद द्वारा पारित कृषि – कानूनों के बारे में कांग्रेस पार्टी ने अपने आप को एक मजाक बना लिया है । इस मुद्दे पर कांग्रेस शीर्षासन की मुद्रा में आ गई है , क्योंकि उसने अपने 2019 के चुनाव घोषणा – पत्र में खेती और किसानों के बारे में जो कुछ वायदे किए थे , वह आज उनसे एकदम उलटी बात कह रही है । सोनिया गांधी कांग्रेसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कह रही हैं कि वे केंद्र सरकार के कानून की अनदेखी करें और मंडी व्यवस्था को पहले से अधिक मजबूत करें । राहुल गांधी ने कहा है कि मोदी सरकार ने किसानों को यह मौत की सजा दी है । कांग्रेस प्रांतों की सरकारें अपने किसानों को भड़काने में जी – जान से जुटी हैं । इस कानून के विरुद्ध वे सर्वोच्च न्यायालय में भी जाने वाली हैं । उन्होंने कहा कांग्रेसी नेता अपने घोषणा – पत्र को जरा ध्यान से पढ़ें । उसके किसानों संबंधी वायदों में 11 वां और 12 वां वायदा वह है , जिसे आज केंद्र सरकार लागू कर रही है । उनमें साफ – साफ कहा गया है कि सत्तारूढ़ होने पर कांग्रेस \” मंडी – व्यवस्था ( ए.पी.एम.सी. एक्ट ) को खत्म करेगी और कृषि – वस्तुओं के निर्यात और अंतर्राज्यीय प्रतिबंधों को एकदम हटा देगी । अपितु केंद्र की मोदी सरकार तो मंडी -व्यवस्था को कायम रखे हुए है और वह किसानों को न्यूनतम मूल्य भी देने का दृढ़ता से वायदा कर रही है । मोदी सरकार तो किसानों को सिर्फ खुले बाजार में अपना माल बेचने की छूट दे रही है ताकि वे ज्यादा पैसा कमा सकें । कांग्रेस जिसे महापाप कह रही है और जिसे करने का वायदा उसने खुद किया था , वह तो यह सरकार नहीं कर रही है । फिर कांग्रेस इतनी शोर क्यों मचा रही है ? इसीलिए कि इस लकवाग्रस्त कांग्रेस पार्टी को यह भ्रम हो गया है कि देश का किसानतो सीधा – सादा है । उसे गलतफहमी का शिकार बनाना आसान है ।
प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि किसानों से कहा जा रहा है कि देश के बड़े पूंजीपति उन्हें अपना नौकर बना लेंगे , उपज के पैसे कम देंगे और मंडियां वीरान हो जाएंगी । उन्हें यह नहीं बताया जा रहा है कि देश की कुल उपज का सिर्फ 6 प्रतिशत मंडियों में बिकता है , जिस पर आठ प्रतिशत तक टैक्स सरकार और आढ़तिए खा जाते हैं । अब किसान यदि चाहे तो इससे मुक्त होगा । उसकी उपज को दुगुना – चौगुना करने और आधुनिक बनाने के लिए उसे बाहरी साधन उपलब्ध रहेंगे ।