शिमला। स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान प्रदेश भर में विभिन्न स्तरों पर हेल्प डेस्क और अन्य गतिविधियों के प्रबंधन के लिए स्वयं सेवी समूहों और गैर सरकारी सगठनों की सेवाएं लेने का निर्णय लिया गया है, ताकि इनके माध्यम से विभिन्न सेवाएं जमीनी स्तर तक प्रदान की जा सके।
उन्होंने कहा कि स्वयं सेवकों और गैर सरकारी संगठनों की सेवाएं सैंपलिंग से लेकर विभिन्न स्तरों पर ली जा सकती हैं। स्वयं सेवक और गैर सरकारी संगठन केाविड मरीजों को ई-संजीवनी ओपीडी ऐप का उपयोग करके डाॅक्टर से परामर्श की सुविधा प्रदान करने, उन्हें होम आइसोलेशन प्रोटोकाॅल, पोस्ट कोविड प्रोटोकाॅल और कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करने के लिए मार्गदर्शन कर सकते हैं। वे बीमार कोविड पाॅजिटिव मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने में भी सहयोग कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि किसी कोविड पाॅजिटिव मरीज की मृत्यु होने पर गैर सरकारी संगठनों और स्वयं सेवकों की सेवाओं का उपयोग वाहनों की व्यवस्था करने, अंतिम संस्कार प्रोटोकाॅल के बारे में परिवार को संवेदनशील बनाने और बायोमेडिकल कचरे के निपटान की व्यवस्था करने के लिए किया जा सकता है। होम आइसोलेशन में कोविड-19 मृतकों के दाह-संस्कार के लिए पीपीई किट, बाॅडी बैग, मास्क और अन्य आवश्यक सुरक्षात्मक सामग्री निकटतम पीएचसी में उपलब्ध होगी और इस संबंध में सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि यदि किसी परिवार के सदस्य कोरोना पाॅजिटिव और आईसोलेशन में है तो स्वयं सेवक और गैर सरकारी संगठन इन परिवारों के लिए विभिन्न वस्तुओं की आपूर्ति की व्यवस्था करने में सहायता कर सकते हैं और आवश्यक हो तो ई-संजीवनी परामर्श की सुविधा भी प्रदान कर सकते हैं।
उन्होंने सभी गैर सरकारी संगठनों और स्वयं सेवकों से यह सेवा प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि स्वयं सेवक व गैर सरकारी संगठन यह भी सुनिश्चित करें कि वे कोविड अनुरूप व्यवहार, होम आइसोलेशन प्रोटोकाॅल, पोस्ट कोविड प्रोटोकाॅल और अन्य आवश्यक जानकारी पर पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित और संवेदनशील हैं।