शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां कहा कि राज्य में वर्तमान में आॅक्सीजन उत्पादन की स्थापित क्षमता 85 मीट्रिक टन प्रतिदिन है और उपयोगिता क्षमता 67 मीट्रिक टन है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में लगभग 56 मीट्रिक टन आॅक्सीजन का उपयोग हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 6500 डी-टाइप सिलेण्डर और 2250 बी-टाइप सिलेण्डर हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सा महाविद्यालय टांडा में 15 किलो लीटर लिक्विड आॅक्सीजन क्रायो सुविधा कार्यशील है और आईजीएमसी में लगभग 350 डी-टाइप क्षमता का एयर पृथीकरण यूनिट कार्यशील है। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल में राज्य में अतिरिक्त चिकित्सीय आॅक्सीजन की सुविधा का सृजन किया गया है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि पिछले कुछ माह से प्रदेश में छः पीएसए प्लांट बनाए गए हैं और डा. यशवंत सिंह परमार राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नाहन, पंडित जवाहर लाल नेहरू राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय चम्बा, डाॅक्टर राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर, जोनल अस्पताल धर्मशाला, डीडीयू शिमला और श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नेरचैक में कार्यशील है। उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल पालमपुर और मातृ एवं शिशु जोनल अस्पताल मंडी में 1000 एलपीएम के दो पीएसए प्लांट का निर्माण किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने प्रदेश के लिए पांच और पीएसए प्लांट स्वीकृत किए हैं, इन्हें डीआरडीओ के समन्वय से स्थापित किया जाएगा। इनमें से दो प्लांट आईजीएमसी शिमला तथा क्षेत्रीय अस्पताल ऊना, क्षेत्रीय अस्पताल सोलन और मिल्ट्री अस्पताल योल में एक-एक प्लांट स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हर प्लांट की क्षमता 1000 एलपीएम होगी।
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त आईजीएमसी शिमला में 20 किलो लीटर क्रायोजैनिक टैंक स्थापित किया गया है और आगामी कुछ दिनों में इसे क्रियाशील किया जाएगा।