करसोग। मृत व्यक्ति से कोरोना नहीं फैलता है। स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के बारे में समाज में फैली भ्रांतियों को लेकर स्पष्ट किया है कि कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के शव के नजदीक जाने से कभी दूसरे व्यक्ति को संक्रमण नहीं फैलता है। स्वास्थ्य विभाग खुद भी बॉडी को पूरी तरह से पैक करने में सहयोग करता है। इस तरह शव से कोरोना फैलने को लेकर समाज में जो भ्रांति फैली है वह पूरी तरह से गलत है। लोग पीपी किट और सरकार के प्रोटोकॉल को फ्लो करके हिन्दू रीति रिवाज से अपने बुजुर्गों को सम्मान पूर्वक अंतिम विदाई दे। जिन बुजुर्गों ने बच्चों के पालन पोषण पर अपना पूरा जीवन कुर्बान किया है, ऐसे में कोरोना को लेकर फैली भ्रांति की वजह से कई जगहों पर परिवार इन्ही बुजुर्गों की अंतिम विदाई में भी शामिल होने से परहेज कर रहे हैं। ऐसे में सरकार को ही अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है। पिछले दिनों करसोग में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था। यहां सिविल अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति की मौत होने के बाद लोग शव के नजदीक जाने में भी परहेज कर रहे थे, जबकि स्वस्थ्य विभाग ने सरकार की एडवाजरी की पूरी पालना करते हुए बॉडी को पैक किया था। इसके बाद भी लोग छूना तो दूर शव के नजदीक जाने को भी तैयार नहीं थे। ये मामला केवल करसोग का ही नहीं है अन्य जिलों में भी कोरोना पोजिटिवों से ऐसा अमानवीय व्यवहार हो रहा है। जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग का लोगों के लिए संदेश है कि मृत व्यक्ति न तो सांस लेता है और न ही खांस और छींक सकता है। इस तरह शवों से कोरोना संक्रमण नहीं फैलता है। ऐसे में परिजन बिना संकोच शवों को स्वीकार करें और संसार से विदा हो चुके अपने प्रियजनों को हिंदू रीति रिवाज से सम्मान पूर्वक अंतिम विदाई दें
बीएमओ डॉ कंवर गुलेरिया का कहना है कि कोरोना को लेकर फैली भ्रांतियों की वजह से लोग शव के नजदीक आने से परहेज कर रहे हैं। पिछले दिनों करसोग में कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति की मौत के बाद लोग शव के नजदीक नहीं आ रहे थे। उन्होंने कहा कि शव से कोरोना नहीं फैलता है। वैसे भी स्वास्थ्य विभाग बॉडी को पैक करने में पूरा सहयोग करता है। उन्होंने कहा कि समाज में फैली इन भ्रांतियों को को दूर करने की जरूरत है। इसके लिए सभी के सहयोग देना होगा। ताकि समाज में एक अच्छा संदेश जाए।