वानिकी क्षेत्र में शोध को धरातल पर क्रियान्वित करें: राकेश पठानिया

शिमला। वन, युवा सेवाएं व खेल मंत्री राकेश पठानिया ने आज वर्चुअल माध्यम से वन विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में विभाग के शोध एवं प्रशिक्षण प्रभाग सुन्दरनगर के अतिरिक्त वन वृत मण्डी, कुल्लू एवं वन्य प्राणी वृत ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के कार्यों की प्रगति पर चर्चा की गई।
वन मंत्री ने कहा कि वन विभाग प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंनेे कहा कि हिमाचल एक पहाड़ी राज्य है तथा यहां वन विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को वनों के संरक्षण व विकास के लिए एक टीम के रूप में कार्य करने को कहा।
इस अवसर पर वन विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही ‘एक बूटा बेटी के नाम’, सामुदायिक वन संवर्धन योजना, विद्यार्थी वन मित्र योजना और विशेष रूप से पर्वत धारा योजना पर विस्तृत चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि वनों में वर्षा के जल को लम्बे समय के लिए अधिक से अधिक संग्रहित करने के लिए पर्वत धारा योजना के अंतर्गत तालाब, चैक डैम व अन्य जल संग्रह संरचनाओं का निर्माण किया जाना चाहिए, जिससे भू-जल स्तर को बढ़ाया जा सके।
श्री पठानिया ने कहा कि विभाग के शोध एवं प्रशिक्षण प्रभाग को और अधिक प्रभावी ढंग से कार्य करना चाहिए। उन्होंने वानिकी क्षेत्र में शोध को धरातल पर क्रियान्वित करने पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि इस समय कोरोना महामारी के कारण वन रक्षकों की भर्ती बाधित हुई है। महामारी का दौर समाप्त होते ही वन रक्षकों के 311 पदों पर भर्ती की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अन्य पदों पर भी कर्मचारियों की भर्ती के मामलों को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाकर जल्द ही भरा जाएगा।
प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन डाॅ. सविता ने भी बैठक में भाग लिया और कहा कि विभाग अपने निर्धारित लक्ष्यों को समयबद्ध रूप में पूर्ण करेगा।

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