शिमला। सूबे में कोरोना काल में एक और झटका लगा है। सरकारी सीमेंट करीब 12 रुपये प्रति बैग महंगा हो गया है। इससे मनरेगा कार्य से लेकर लोनिवि के भवन, पुल और अन्य निर्माण कार्य करना महंगा हो गया है। पिछले माह एसीसी सीमेंट का सरकारी दाम 324 रुपये प्रति बैग था। अब यह बढ़कर 336 रुपये 22 पैसे हो गया है। मनरेगा के कामों में इस्तेमाल होने वाले सीमेंट के रेट भी सात रुपये तक बढ़ गए हैं। सिविल सप्लाई की ओर से मिलने वाले सरकारी सीमेंट के रेट बढ़ने से सरकारी भवनों, पुलों और अन्य विकासात्मक कार्य करने के वाले लोगों में रोष है। लोगों का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान महंगाई बढ़ने से लोग पहले ही परेशान हैं। पेट्रोल और डीजल के बाद सरसों तेल और रिफाइंड के दामों में उछाल आया है। इसका असर आम आदमी की जेब पर पड़ा है। अब अचानक सरकारी सीमेंट के दाम भी बढ़ा दिए गए हैं। रेट बढ़ाने के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि मालवाहक वाहनों का भाड़ा बढ़ने से ऐसा किया गया है।
स्थानीय निवासी जसपाल, प्रेम लाल, निक्का राम तथा जगदीश शर्मा ने कहा कि कोरोना काल में सरकारी सीमेंट का रेट 336 रुपये प्रति बैग हो गया है। इससे सरकारी क्षेत्र में निर्माण करना महंगा हो गया है। मनरेगा का निर्माण कार्यों पर भी इसका असर पड़ेगा। एसीसी के साथ अंबुजा तथा अल्ट्राटेक सीमेंट के रेटों में भी बढ़ोतरी हुई है। उधर, सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन के एरिया मैनेजर पंकज शर्मा ने कहा कि हर साल सभी तरह के सीमेंट के रेट बढ़ते हैं। इस बार कोरोना के कारण जनवरी के बजाय अप्रैल से सीमेंट के रेटों में वृद्धि हुई है।