शिमला। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने आज यहां राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के लिए गठित टास्क फोर्स की वर्चुअल समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 देश के विद्यार्थियों के समग्र विकास एवं जीवन मूल्यों पर आधारित नीति है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को चरणबद्ध तरीके से शीघ्र लागू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के विद्यालयों के अकादमिक कलस्टर स्थापित किए जाएंगे और बाल्य शिक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के और विद्यालयों में प्री-प्राइमरी शिक्षा को लागू किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को बहु विषयक विश्वविद्यालय बनाने की दिशा में विश्वविद्यालय में और अकादमिक विभागों की स्थापना की जाएगी। पिछले तीन वर्षों में विश्वविद्यालय में 11 नए विभाग शुरू किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि एनईपी-2020 भारत को पुनः विश्व गुरू के रूप में स्थापित करने में बहुत सहायक होगी। यह विद्यार्थियों को रोजगार प्रदाताओं के रूप में स्थापित करेगी। इस दिशा में विद्यार्थियों को स्कूल स्तर पर व्यवसायिक कोर्स करवाए जा रहे हैं। वर्तमान में 964 विद्यालयों में विद्यार्थियों को व्यवसायिक शिक्षा प्रदान की जा रही है और भविष्य में अधिक विद्यालयों में विद्यार्थियों को व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत नए पाठ्यक्रम में हिमाचल की संस्कृति पर आधारित विषय भी शामिल किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्तर के बच्चों के लिए विषय क्षेत्रीय भाषाओं में विषयों को तैयार किये जाएंगे।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने हमें आपदा में अवसर तलाशने का मौका दिया है और शिक्षा विभाग ने इस दिशा ने कई विशेष कार्य किए हैं। वर्तमान में अधिकतर बच्चों को तकनीक के माध्यम से वर्चुअली शिक्षा प्रदान की जा रही है। भविष्य में भी बच्चों को आॅनलाइन मोड से शिक्षा प्रदान की जाएगी।
बैठक में टास्क फोर्स के सदस्य वीरेंद्र शर्मा ने शिक्षा मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।
बैठक में जुड़े टास्क फोर्स के सदस्यों ने प्रस्तुति दी।
सचिव शिक्षा राजीव शर्मा, निदेशक उच्चतर शिक्षा डाॅ. अमरजीत शर्मा, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति सिकन्दर कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया।