करसोग। करसोग में खतरनाक पहाड़ों का सीना चीर कर गुजरती सड़कों में कई बार हो चुके हादसों से उठी चीखो-पुकार के बाद भी पीडब्ल्यूडी की नींद नहीं टूटी है। ये हादसे कभी न भरने वाले वाले ऐसे जख्म दे जाते है, जिन्हें बार बार कुरेदे जाने के दुखद अवसर सामने आ रहे हैं। यहां विश्व प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन स्थल तत्तापानी से लेकर चुराग सड़क मार्ग में कदम कदम पर खतरा है। मौत बांटती इस संकरी सड़क पर क्रेश बेरियर न होने व टूट चुके पैरापिट से गहरी खाई देखर रोजाना सफर करने वालों की रूह कांपती है। इस पर इन दिनों अंधे मोड़ों को खोलने के लिए की जा रही कटिंग से सड़क मार्ग में जगह जगह पर बिखरे रौडे मौत बांट रहे हैं। इसी सड़क मार्ग पर कलंगार के समीप चल रही कटिंग से सड़क पर बिखरे रोड़ों की वजह से 14 अप्रैल को एक बाईंक स्किड होकर 200 फ़ीट गहरी खाई में जा गिरी थी। इस हादसे में एक 26 वर्षीय युवक अकाल मौत का ग्रास बन गया। जो बूढ़े मां और बाप के लिए घर का खर्च चलाने का एकमात्र सहारा था, जिसे पीडब्ल्यूडी की लापरवाही से छीन लिया। इससे पहले भी सड़क ही खराब हालत की वजह से कई एक्सीडेंट हो चुके हैं। हालांकि मौत पर किसी का वश नहीं , लेकिन हादसों के कारणों को तो दूर किया जा सकता है। अफसोस आजादी के सात दशक बाद भी ऐसा कोई प्रयास नहीं हुआ है। तत्तापानी से चुराग तक ख़तरनाक पहाड़ों को काटकर बनाई गई सड़क में वर्षों पहले लगाए गए पैरापिट देखरेख के अभाव में मिट्टी का ढेर हो गए हैं। जो हल्के से धक्के के साथ खाई में समा जाते हैं। बहुत से पैरापिट खुद ही उखड़कर टूट गए हैं। पीडब्ल्यूडी ने तत्तापानी से चुराग तक करीब 40 किलामीटर लंबी सड़क मुश्किल से एक किलोमीटर ही क्रेश बैरियर लगाकर कवर की गई है। करसोग में अब सेब सीजन शुरू हो गया है। ऐसे में संकरी और सर्पीली सड़क पर क्रेश बैरियर न होने से चालकों को अब हादसे का डर सताने लगा है। वाहन चालकों का कहना है कि इस सड़क मार्ग में कदम कदम पर मौत का खतरा है। ऐसे में ड्राइविंग करते हुए कलेजा हाथ पर रखना पड़ता है।
पीडब्ल्यूडी सब डिवीजन चुराग के एसडीओ आरएल ठाकुर का कहना है कि अंधें मोड़ों की कटाई के बाद तत्तापानी से चुराग तक सड़क के किनारे क्रेश बेरियर भी लगाए जाएंगे। इस बारे में सरकार को एस्टीमेट भेजा जा चुका है। जैसे जैसे पैसा आ रहा है साथ ही साथ सड़क की हालत को सुधारा जा रहा है।