करसोग। करसोग में सेब सीजन ने रफ्तार पकड़ ली है। यहां से सेब बाहरी राज्य की बड़ी बड़ी मंडियों में भेजा जा रहा है। ऐसे में इन दिनों देशभर में करसोग के सेब की खुशबू महकने लगी है। हालांकि उपमंडल के अधिकतर क्षेत्रों में हुई ओलावृष्टि ने सेब को गहरे जख्म दिए हैं, लेकिन इसके बाद भी बागवानों को अच्छे सेब की कीमत मिल रही है। बुधवार को चुराग सब्जी मंडी में 2 हजार के करीब पेटियां पहुंची। बागवान स्पर सहित रॉयल डिलिशियस सेब बेचने के लिए लाएं थे। दोपहर को शुरू हुई बोली से साथ बागवानों के चेहरे भी खिल गए। चुराग मंडी में परंपरागत रॉयल डिलिशियस 1800 रुपये और स्पर वेराइटी का सेब 2200 रुपये पेटी बिका। करसोग में तीन बार हुई ओलावृष्टि के हिसाब से सेब का ये भाव काफी अच्छा बताया जा रहा है। उपमंडल में हजारों बागवान सेब कारोबार से जुड़े हैं। देशभर में लगातार बढ़ रही सेब की मांग को देखते हुए करसोग में हर साल सेब का एरिया भी बढ़ रहा है। बागवान अब नई नई वेराइटी के पौधे लगा रहे हैं। जिससे लोगों ने अपने लिए समृद्धि के द्वार खोले हैं। इस बार सर्दियों के मौसम में सामान्य से कम हुई बारिश और बर्फबारी की वजह से सेब के लिए जरूरी चिलिंग आवर्स पूरे नहीं हो पाए। जिस कारण करसोग में इस बार सेब उत्पादन 7.50 लाख पेटियां रहने का अनुमान है। बता दें कि पिछले साल मौसम और कोरोना के कारण सेब कारोबार प्रभावित हुआ था। लेकिन इस बार सेब को मंडियों तक पहुंचाने में कोई खास दिक्कत नहीं आ रही है।करसोग में पिछले साल 8 लाख पेटी सेब उत्पादन हुआ था। करसोग का सेब दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, मद्रास, बैंगलौर, सहित देश के हर महानगर में धूम मचा रहा है।
चुराग सब्जी मंडी के आढ़ती हेमराज ठाकुर का कहना है सेब सीजन ने रफ्तार पकड़ ली है। इसके बाद भी चुराग मंडी में बागवानों को सेब के अच्छे रेट मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि रॉयल डिलिशियस 1800 रुपये और स्पर किस्म का सेब 2200 रुपये तक बिका। ओले से जख्मी हुआ सेब भी एक हजार से 1200 रुपये पेटी बिक रहा है।