नगर पंचायत में नहीं रहना चाहते हैं लोग, एसडीएम के माध्यम से डीसी को सौंपा ज्ञापन

करसोग। शहरी निकायों के चुनाव से पहले ही करसोग को नगर पंचायत परिधि से बाहर करने की मांग अब जोर पकड़ने लगी है। विकासकार्यों सहित भवन के नक्शों, बिजली व पानी के कनेक्शन लेने में आ रही भारी परेशानियों को देखते हुए लोग करसोग को नगर पंचायत परिधि में नहीं रहना चाहते हैं। इसको देखते हुए बुधवार को नगर पंचायत के लोगों सहित व्यापारियों ने न्यारा वार्ड के पार्षद बंसीलाल के नेतृत्व में एसडीएम के माध्यम से डीसी को एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें लोगों को करसोग नगर पंचायत के अस्तित्व को समाप्त कर इन क्षेत्रों को फिर से पंचायतों में शामिल करने की मांग की है। डीसी मंडी को सौंपे गए ज्ञापन में हवाला दिया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों को लोगों की सहमति के बिना ही नगर पंचायत परिधि में जोड़ा गया था। हाल ही में लोअर करसोग और दछेहण पंचायत के कुछ क्षेत्रों को भी नगर पंचायत परिधि में शामिल किया गया। इसका भी इन क्षेत्रों की जनता ने डीसी को ज्ञापन सौंपकर विरोध जताया है। लोगों का ये भी कहना है कि नगर पंचायत परिधि में न तो सड़कों की हालत सही है और न ही पानी की निकासी के लिए नालियों का उचित प्रबंध किया गया है। ऐसे में नगर पंचायत लोगों का विश्वास जीतने में नाकाम रही है। प्रशासन को अल्टीमेटम दिया गया है कि अगर नगर पंचायत करसोग को फिर से पंचायत में शामिल नहीं किया गया तो आने वाले चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा। इसके साथ लोगों को मजबूरन होकर आंदोलन करने सड़कों पर उतरना पड़ेगा। बता दें कि करसोग नगर पंचायत की अधिसूचना 2011 को जारी की गई थी। इसके बाद वर्ष 2016 में पहली बार नगर पंचायत के लिए चुनाव करवाये गए थे। जिसमें बरल और ममेल वार्ड की जनता ने चुनाव का बहिष्कार करते हुए कोई भी उम्मीदवार चुनाव में नही उतारा था।

न्यारा वार्ड के बंसी लाल ने बताया कि करसोग की जनता नगर पंचायत परिधि में नहीं रहना चाहती है। इसके लिए समस्त जनता और व्यापारियों ने एसडीएम के माध्यम से डीसी को ज्ञापन सौंपा गया। उन्होंने कहा नगर पंचायत में लोगों को सुविधा नहीं मिल रही है। इसके अतिरिक्त बिजली, पानी और नक्शों को लेकर भी लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

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