करसोग। राजनीति में दिन प्रति दिन परिपक्व होते जा रहे विक्रमादित्य सिंह ने मंगलवार को करसोग में कार्यकर्ताओं को भावुक संदेश दिया। उन्होंने मंच पर से कार्यकर्ताओं को उत्साहित भी किया और पार्टी को मजबूत करने की नसीहत भी दी। शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि केवल कांग्रेस जिंदाबाद के नारे लगाने और मीटिंग करने से पार्टी मजबूत नहीं होगी। इसके लिए प्रदेश स्तर पर बूथ में काम करने की जरूरत है। जब तक बूथ मजबूत नहीं होगा पार्टी मीटिंग का कोई औचित्य नहीं होगा। ये जोश क्षणभर का होता है, जो मीटिंग खत्म होने के साथ ही समाप्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि करसोग में जिस जोश के साथ नारे लगाए गए, उसी जोश के साथ आने वाले चुनाव में बूथ स्तर पर कांग्रेस को अधिक से अधिक वोट दिलाए जाएं। उन्होंने कहा कि जिस बूथ से कांग्रेस को सबसे अधिक लीड मिलेगी वहां के बूथ अध्यक्ष का नारा खुद विक्रमादित्य सिंह लगाएगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं से भावुक अपील करते हुए कहा कि राजनीति में वीरभद्र सिंह का एक बड़ा कद था और रुतबा था, जो उनकी 60 साल की तपस्या थी। उन्होंने कहा कि आपकी हमारे परिवार से बहुत सी उम्मीदें हैं। मगर अभी मैंने अपना राजनीतिक सफर शुरू किया है। निश्चित तौर पर हो सकता है कि मेरा वह कद और वो गरिमा न हो मगर इच्छाशक्ति उतनी ही है जितनी वीरभद्र सिंह में 1962 में थी जब उन्होंने मंडी से पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा था। इसलिए मैं चाहूंगा कि आप हमारे परिवार से जुड़ें।
वीरभद्र सिंह ने मुख्यमंत्री के नाम पर प्रदेश को नहीं बांटा:
कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए विक्रमादित्य सिंह ने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधने के साथ नसीहत भी दी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने मंडी से मुख्यमंत्री होने का नारा दिया, लेकिन वीरभद्र सिंह छह बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, उन्होंने कभी नहीं कहा कि वे शिमला के मुख्यमंत्री है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश का होता है। ऐसे में भाजपा पर ये नारा अब भारी पड़ने वाला है। उन्होंने कहा कि प्रदेश आज 60 हजार करोड़ के कर्ज में है, लेकिन जयराम सरकार उप चुनाव को नजदीक देखते हुए घोषणा पर घोषणा कर रहे हैं। बड़ा सवाल ये है कि इन घोषणाओं को पूरा करने को जेब में पैसा भी होना चाहिएं । विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आज सरकार की गाड़ी के पहिए चार दिशा में चल रहे हैं। सरकार की न तो कोई सोच है और न ही अफसरशाही पर पकड़ है। शिमला ग्रामीण के विधायक ने मंडी के सांसद रामस्वरुप की आत्महत्या को लेकर भी कहा कि सरकार को इस मामले की सीबीआई से जांच करवानी चाहिए थी। ताकि मंडी के लोगों के सामने सच्चाई आती। उन्होंने कहा कि हम केवल सरकार की बुराई करने के लिए आलीचना नही करेंगे, जहां सरकार अच्छा कार्य करेगी, उसका भी पूरा समर्थन किया जाएगा।