राज्यपाल ने वर्षा की प्रत्येक बूंद के संग्रहण की आवश्यकता पर बल दिया

\"\"

शिमला। जी. अशोक कुमार, अतिरिक्त सचिव एवं मिशन निदेशक, राष्ट्रीय जल मिशन, जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार ने आज राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर से राजभवन में भेंट की।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि जल संरक्षण आज एक महत्वपूर्ण विषय हैं, जिस पर गम्भीरता से ध्यान देना चाहिए तथा हमें इस दिशा में कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्षा जल संग्रहण, पराम्परिक जल संसाधनों के संरक्षण एवं संवर्धन तथा वन गतिविधियों व जागरूकता आदि के लिए वृहद प्रबन्ध योजना बनाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि प्रकृति ने हिमाचल प्रदेश को मनोरम सौन्दर्य से नवाजा है तथा यहां पर्यावरण अनुकूल है, लेकिन पर्यावरण में निरंतर बदलाव के कारण स्थिति गम्भीर होती जा रही है तथा अनेक प्राकृतिक आपदाओं ने हमें इस दिशा में सोचने पर बाध्य कर दिया हैं।
उन्होंने कहा कि हमें वर्षा की प्रत्येक बूंद का संग्रहण करने तथा जल के तीव्र प्रवाह को रोकने की आवश्यकता है। इससे पानी की कमी की समस्या से प्रभावित क्षेत्रों में पानी प्रदान करने तथा निचले क्षेत्रों में बाढ़ से उपजाऊ भूमि की सुरक्षा में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस दिशा में ठोस प्रयास किए हैं लेकिन इस उद्देश्य के लिए विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायतों के माध्यम से वृहद अभियान चलाने की आवश्यकता है।
अशोक कुमार ने राज्यपाल को अवगत करवाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय जल मिशन के अंग के रूप में ‘कैच द रेन’ नाम से बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया है। उन्होंने कहा कि इस अभियान का मूल मंत्र है ‘वर्षा की हर बूंद, जहां गिरे, जब गिरे, उसका संग्रहण करें’। उन्होंने कहा कि राज्य में अभियान को गति मिली है और काफी कार्य किया गया है, जिसे और आगे बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने राज्य के विश्वविद्यालयों में इस विषय पर जागरूकता लाने का आग्रह किया ताकि इसे व्यापक रूप दिया जा सके।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *