शिमला। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज राजभवन में टोक्यो पैरालिंपिक में भारत को ऊंची कूद में रजत पदक दिलाने वाले ऊना जिले के निषाद कुमार को सम्मानित किया। इस अवसर पर निषाद के माता-पिता, कोच और बहन भी उपस्थित थी।
बातचीत के दौरान, राज्यपाल ने कहा कि निषाद ने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर अपनी प्रतिभा को तो सिद्ध किया ही है लेकिन देश के गौरव को भी ऊंचा किया है। उन्होंने कहा कि उनके पदक की चमक विशेषकर हिमाचल प्रदेश के खिलाडि़यों के लिए आशा की किरण बनी है। उन्होंने सिद्ध किया है कि कड़ी मेहनत, जज़्बा और कुछ करने का इरादा बुलंद हो तो कोई भी बाधा लक्ष्य प्राप्ति से रोक नहीं सकती। उन्होंने कहा कि उनका संघर्षमय जीवन इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी वह नित नई ऊंचाइयों को हासिल करेंगे और जीत की यह भावना अन्यों के लिए प्रेरणा बनेगी।
राज्यपाल ने कहा कि आज का युवा बंद कमरे में केवल मोबाइल व इलैक्ट्रानिक गैजेट तक ही सीमित होकर रह गया है। ऐसे में निषाद की उपलब्धि उनमें नई प्रेरणा का संचार करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्पोर्टस स्कूल आरम्भ करने की आवश्यकता है क्योंकि यहां की भौगोलिक परिस्थितियां आत्मिक बल वाले अच्छे खिलाड़ी पैदा करने की क्षमता रखती हैं। उन्होंने कहा कि खेल का वातावरण होने से खेल भावना स्वतः जागृत हो जाती है। इसलिए हमें मिलकर सकारात्मक माहौल बनाना चाहिए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि निषाद अगले वर्ष होने वाले एशियाई खेलों में भी भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतकर लाएंगे।
निषाद ने कहा कि प्रदेश सरकार ने उन्हें जो सम्मान दिया है उससे उनमें नई ऊर्जा का संचार होगा।
निषाद के कोच नसीम अहमद ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है और हमें केवल प्रतिभाओं की खोज करने की आवश्यकता है।
निषाद के पिता रशपाल सिंह और माता पुष्पा देवी ने बेटे की उपलब्धि पर खुशी जताई। बहन रमा देवी और भाई पंकज कौंडल ने कहा कि उनका भाई हमेशा से काफी मेहनती रहा है और उन्हें पूरा भरोसा था कि वे पदक जीतकर आएगा।
इस अवसर पर नेहरू युवा केंद्र के राज्य निदेशक सैमसन मसीह भी उपस्थित थे।
इसके पश्चात निषाद ने राजभवन के धरोहर भवन का अवलोकन किया।