शिमला में सोमवार से ग्रीन फिल्म फेस्टिवल का आगाज

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गेयटी थियेटर में छह अक्तूबर को दिखाई जाएंगीं पर्यावरण पर आधारित फिल्में

शिमला। प्रदेश में वन, वन्यजीवों व प्रकृति के संरक्षण के प्रति आमजन में चेतना जाग्रत करने के मकसद से 70वां वन्यप्राणी सप्ताह मनाया जा रहा है। इस दौरान कई कार्यक्रमों के जरिए लोगों को वन्य प्राणी के संरक्षण को लेकर जागरूक किया जा रहा है। इस कड़ी में भारत के प्रमुख पर्यावरण और वन्यजीव फिल्म महोत्सव मंच सीएमएस वातावरण द्वारा चार से छह अक्टूबर तक शिमला में ग्रीन वाइल्ड लाइफ फिल्म फेस्टिवल और फिल्म मेकिंग को लेकर कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। फेस्टिवल में वन्य जीव संरक्षण को लेकर बनी फिल्में दिखाई जाएंगीं।

वन्य प्राणी विंग हिमाचल प्रदेश के प्रधान मुख्य अरण्यपाल डाक्टर अजय श्रीवास्तव ने रविवार को शिमला में पत्रकार वार्ता में बताया कि ग्रीन फिल्म फेस्टिवल में पर्यावरण, वन और वन्य जीव पर आधारित फिल्मों को दिखाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वन्य जीव संरक्षण में लोगों की भागीदारी अनिवार्य है। ग्रीन फिल्म फेस्टिवल में वन्य जीव के साथ मनुष्य के सकारात्मक पहलू भी दिखाने की कवायद की जाएगी, ताकि आम जनता को वन्य जीव के संरक्षण के लिए प्रेरित हो सके।
‘सीएमएस वातावरण’ के उप निदेशक एस भारती ने बताया कि यह फिल्म फेस्टिवल अनोखा होगा और इसे केंद्र सरकार के यूएनडीपी-जेफ सिक्योर हिमालया प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है। कहा कि वन्य प्राणी संरक्षण को लेकर चार व पांच अक्तूबर को बैम्लोई स्थित केंद्रीय पोटेटो रिसर्च संस्थान के सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यशाला में वन्य संरक्षण में पर्यावरण संबंधी विश्लेषण और सोशल मीडिया की महत्वता पर प्रकाश डाला जाएगा। इस कार्यशाला में वरिष्ठ पर्यावरण विज्ञानी राकेश राय पर्यावरण से जुड़ी फिल्मों के निर्माण के गुर सिखाएंगे।
उन्होंने कहा कि छह अक्टूबर को ऐतहासिक गेयटी थियेटर में आयोजित फिल्म फेस्टिवल में पर्यावरण पर आधारित फिल्में दिखाई जाएंगी। पहले सत्र में सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक द रिटर्न आफर द शान, डन-द हिमालयन आईबैक्स, पायथन कोड, द रेस टू सेव द अमूर फाल्कन, नगर और पानी फिर वो ही कहानी फिल्में दिखाई जाएंगी। दूसरा सत्र दोपहर दो बजे से साढ़े चार बजे तक होगा, जिसमें फिल्म कोटी बनाल, एजूकेशन आन द बोट-अ न्यू होप फार टूमारो, ग्लोबल वार्मिंग-कश्मीर चैप्टर, पर्वत पुरोहित पुत्रा, होप-क्लाइमेट पाजिटिव स्टोरीज फ्राम इंडिया को दिखाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि छह अक्टूबर को ही सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक पर्यावरण और वन्य संरक्षण रिपोर्टिंग को लेकर प्रेस क्लब शिमला के परिसर में एक मीडिया कार्यशाला का आयोजन भी किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस फेस्टिवल और फोरम के माध्यम से विभिन्न हितधारकों सहित मीडिया व वन्य जीव संरक्षण के लिए काम करने वाले संगठनों, विशेषज्ञों, शिक्षाविद और आम जनता के बीच पहुंचना और उन्हें हिमालय को सुरक्षित बनाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देना है।

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