2019 के लोक सभा चुनाव में 26,860 वोटों से पिछड़ गए थे कांग्रेस उम्मीदवार आश्रय शर्मा
करसोग। मंडी संसदीय क्षेत्र के लिए होने जा रहे लोक सभा उप चुनाव को लेकर अब राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है। करसोग में मंगलवार को आयोजित हुई ब्लॉक कांग्रेस कमेटी की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। जिसमें मंडी संसदीय क्षेत्र में होने जा लोक सभा उपचुनाव की तैयारियों को लेकर मंथन किया गया। ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष पृथ्वी सिंह नेगी की अध्यक्षता में आयोजित हुई इस बैठक में कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर पर कांग्रेस प्रत्याशी को अधिक से अधिक लीड दिलाने के निर्देश दिए गए। पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि इस बार मंडी संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार भारी मतों के अंतर से जीत हासिल करे, इसके लिए पार्टी पदाधिकारी बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग करें और उन्हें विश्वास में लेकर कांग्रेस के पक्ष में प्रचार कार्य शुरू कर दें। उन्होंने कहा कि इस बार लोक सभा उप चुनाव में सभी तरह से स्थित कांग्रेस के पक्ष में है। केंद्र और भाजपा की डबल इंजन वाली सरकार की जन विरोधी नीतियों की वजह से आम जनता परेशान है। पेट्रोल सहित डीजल और रसोई गैस की लगातार बढ़ रही कीमतों ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। उन्होंने कहा कि करसोग विधान सभा क्षेत्र की जनता के साथ भाजपा सरकार ने भेदभाव किया है। करसोग में केंद्रीय विद्यालय खोलने की घोषणा की थी, जो जयराम सरकार के चार वर्ष के कार्यकाल में अभी तक पूरी नहीं हुई है। इसके अतिरिक्त पूर्व वीरभद्र सिंह की सरकार ने जो विधान सभा क्षेत्र में पॉलिटेक्निक कॉलेज खोलने की अधिसूचना जारी की थी, उसको भी भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही निरस्त कर दिया। यही नहीं करसोग सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है, लेकिन भाजपा सरकार चार साल में खाली पदों को नहीं भर स्की। ऐसे में लोग शिमला और मंडी जाकर महंगा इलाज करवाने को मजबूर है। उन्होंने कहा उप चुनाव में कांग्रेस पार्टी सरकार की इन नाकामियों को लेकर जनता के बीच मे जाएगी। ताकि लोगों को पता चले कि भाजपा सरकार ने कैसे उन्हें विकास के नारे के नाम पर गुमराह किया है। बता दें कि वर्ष 2019 में मंडी संसदीय क्षेत्र के लिए हुए लोक सभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की आंधी में कांग्रेस प्रत्याशी आश्रय शर्मा भाजपा उम्मीदवार राम स्वरूप शर्मा से 26,860 मतों से पिछड़ गए थे। कांग्रेस उम्मीदवार आश्रय शर्मा को करसोग विधानसभा क्षेत्र से 12,175 मत प्राप्त हुए थे, जबकि भाजपा उम्मीदवार को 39,035 वोट पड़े थे। लोक सभा उप चुनाव में कांग्रेस के सामने इस लीड को तोड़ने की भी चुनौती है।