काजा। संस्थागत सामाजिक जिम्मेदारी और सामुदायिक सहभागिता पहल के रूप में एम्स, बिलासपुर के चिकित्सकों ने काजा सीएचसी में मेडिकल कैंप का आयोजन किया । इस कैंप में 733 लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई। इसके साथ तीन माइनर ऑपरेशन भी किए गए। कैंप में आए एसोसिएट प्रोफेसर न्यूरोलॉजिस्ट डा आशीष शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल स्पिति के काजा में मल्टीस्पेशलिटी चिकित्सा शिविर लगाया गया। शिविर का आयोजन जिला प्रशासन के सहयोग से किया गया। इसके दौरान मेडिसिन, सर्जरी, बाल रोग, नेत्र, दंत चिकित्सा, हड्डी रोग, न्यूरोलाॅजी, प्लास्टिक सर्जरी, प्रसूति एवं स्त्री रोग, फिजियोलाॅजी, सामुदायिक और पारिवारिक चिकित्सा के स्पेशलिटी और सुरस्पेशलिस्ट डाॅक्टरों की टीम क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की।
उन्होंने कहा कि यह शिविर जनजातीय क्षेत्र में प्रचलित बीमारियों का पता लगाने और उनकी जांच करने में काफी मददगार रहा जिससे भविष्य में बेहतर उपचार के लिए उचित सलाह और पाठ्यक्रम उपलब्ध होगा। तीन दिन के कैंप का फायदा हुआ जिनके टेस्ट हुए उनकी रिपोर्ट अगले दिन देख पाए और दवाई दे पाएं। जो दवाइयां हम लिख रहे थे वो काजा अस्पताल में उपलब्ध थी। हमें बीएमओ काजा, स्थानीय प्रशासन का पूरा सहयोग मिला है।
तीन माइनर ऑपरेशन किए है । कैंप में जो चेकअप किया गया इसके बारे विस्तृत रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी है। हम ने प्रशासन के समक्ष अल्ट्रा साउंड मशीन स्थापित करने की सलाह दी है ताकि लोगों को टेस्ट की सुविधा मिल सके । एडीएम काजा ने तुरंत मशीन स्थापित करने आश्वासन दिया है । यहां के लोगों में गैस्ट्रेटिक्स की काफी दिक्कत है। यहां पर जो कोल्ड ड्रिंक पीते है उसी वजह से हो रहा है। कोल्ड ड्रिंक का परहेज लोगों को करना चाहिए। प्रशासन लोगों को इसके बारे में जागरूक करें। बच्चों की आंखों में काफी दिक्कत हो रही है जो बीमारी आम तौर पर 70 साल की आयु के बुजुर्गों को होती है उसका कारण यहां पर सूर्य की तेज किरणों से है। लोगों ब्लैक चश्मा और हैट्स लगाकर रहे तो इस बीमारी से बचा जा सकता है।
एम्स प्रशासन का मानना है कि यह पहल राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए एक वरदान के रूप में काम करेगी और एम्स बिलासपुर निकट भविष्य में ऐसे और शिविर लगाने पर भी विचार कर रहा है। शिविर के कोर्डिनेटर डा मनोज विशेष तौर पर मौजूद रहे।