सोलन। शूलिनी यूनिवर्सिटी का पांचवा दीक्षांत समारोह शनिवार को ऑफलाइन और ऑनलाइन मोड में आयोजित किया गया जिसमें स्टूडेंट्स को 75 पीएचडी डिग्री प्रदान की गई और 52 स्वर्ण पदक विजेताओं स्टूडेंट्स को सम्मानित किया गया। दीक्षांत समारोह में फैकेल्टी ऑफ साइंसिज, फैकेल्टी ऑफ फार्मास्टिुकल्स साइंसिज और फैकेल्टी ऑफ बॉयोटेक्नोलॉजी एंड एप्लाइड साइंसिज के स्टूडेंट्स को डिग्रियां प्रदान की गई। दीक्षांत समारोह की मेजबानी प्रेरक वक्ता और पूर्व आईएएस अधिकारी, विवेक अत्रे ने यूनिवर्सिटी के संस्थापक और कुलपति, प्रोफेसर प्रेम कुमार खोसला, प्रो चांसलर विशाल आनंद, फाउंडेशन के अध्यक्ष सरोज खोसला और ट्रस्टियों सतीश आनंद और अशोक आनंद सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में की थी।
दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि, प्रो.त्रिलोचन महापात्र, सचिव, कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (डीएआरई) और महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने इस मौके पर कहा कि ‘‘यह देखना वास्तव में प्रेरणादायक है कि शूलिनी यूनिवर्सिटी के छात्र सही दिशा में, सही मार्गदर्शन के साथ आगे बढ़ रहे हैं। मैं विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने और छात्रों के उचित करियर और चरित्र निर्माण को सुनिश्चित करने के लिए फैकेल्टी के अथक प्रयासों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करना चाहता हूं। मैं जैव प्रौद्योगिकी (बॉयोटेक्नोलॉजी) और नैनो टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कुशल अनुसंधान और विकास के लिए छात्रों और रिसर्च के उल्लेखनीय प्रयासों की भी सराहना करना चाहता हूं।’’
दीक्षांत समारोह के विशिष्ट अतिथि राजीव शर्मा, शिक्षा सचिव ने भी राज्य के शिक्षा क्षेत्र में यूनिवर्सिटी के अतुलनीय योगदा की सराहना की। उन्होंने कहा कि शूलिनी यूनिवर्सिटी की पथ-प्रदर्शक उपलब्धियां राज्य के साथ-साथ हमारे देश के लिए भी गर्व की बात हैं। यूनिवर्सिटी नई शिक्षा नीति के अनुसार अपने पाठ्यक्रम को अनुकूलित करने और प्राचीन भारत के विज्ञान जैसे विषयों को पेश करने के लिए इस क्षेत्र में अग्रणी शिक्षा संस्थानों में से एक रहा है, जो ये सभी प्रयास छात्रों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने में मदद कर रहे हैं।
शूलिनी यूनिवर्सिटी के पूर्व चांसलर रमेश मेहान ने भी इस अनुकरणीय उपलब्धि पर स्टूडेंट्स को बधाई देने के लिए अमेरिका के ओहायो से फोन किया था। अमेरिकी कलाकार और उद्यमी वॉल्ट डिज्नी के कहे वाक्य को दोहराते हुए रमेश मेहान ने कहा कि हमारे सभी सपने सच हो सकते हैं यदि हम उन्हें पूरा करने का साहस रखते हैं। इसलिए हमेशा खुद पर विश्वास रखें और सपने देखना कभी बंद न करें। कड़ी मेहनत करें और अपने सपनों को हकीकत में बदलें। भविष्य आपका है! इसके साथ ही मैं शूलिनी यूनिवर्सिटी की पूरी टीम और उन सभी छात्रों को बधाई देना चाहता हूं, जिन्हें इस विशेष दिन पर डिग्री प्रदान की गई है।’’
इन प्रेरक शब्दों के साथ प्रतिध्वनित करते हुए, वाइस चांसलर प्रोफेसर अतुल खोसला ने स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए कहा कि ‘‘जीवन में अच्छा करने और असंभव को प्राप्त करने’’ के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने अपने उच्च प्रभाव वाले वैश्विक अनुसंधान मानकों और नवीन मल्टी-डिसप्लनरी शिक्षाशास्त्र के माध्यम से 2022 तक शीर्ष 200 वैश्विक यूनिवर्सिटी बनने के लिए शूलिनी यूनिवर्सिटी के दृष्टिकोण पर जोर दिया और उन्होंने स्टूडेंट्स से आग्रह किया कि उनको कभी भी सीखना बंद नहीं करना चाहिए।’’
अपने संबोधन के दौरान प्रोफेसर अतुल खोसला ने मुस्कुराते हुए कहा कि ‘‘सीखने की सुंदरता यह है कि कोई भी इसे आपसे दूर नहीं कर सकता है।