शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रदेश के सभी विभागों में बेहतर समन्वय बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया है ताकि विभिन्न न्यायालयों में चल रहे मामलों को शीघ्र सुलझाया जा सके तथा प्रदेश में विकासात्मक गतिविधियां निर्बाध रूप से चलती रहे। मुख्यमंत्री आज यहां अदालतों में लम्बित मामलों के दृष्टिगत प्रशासनिक सचिवों और महाधिवक्ता के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने एक लिटिगेशन माॅनिटरिंग साॅफ्टवेयर विकसित किया है और इस साॅफ्टवेयर में सभी अदालती मामले दर्ज किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि महत्वकांक्षी परियोजनाओं से सम्बन्धित और प्रमुखता वाले मामलों को विशेष प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सचिवों को महाधिवक्ता के कार्यालय के साथ समन्वय स्थापित करना चाहिए ताकि अदालतों में मामलों को शीघ्र सुलझाया जा सके।
जय राम ठाकुर ने कहा कि जेओए आईटी, जेबीटी इत्यादि से सम्बन्धित अदालती मामलों में तेजी लाई जानी चाहिए, क्योंकि इससे हजारों युवा लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि इन भर्तियों पर लगी रोक को हटाने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने माननीय न्यायालयों से इन मामलों को सुलझाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न स्वीकृतियों और अदालतों में लम्बित मामलों के कारण कई विकासात्मक परियोजनाओं में विलम्ब हुआ है। उन्होंने विभिन्न न्यायालयों में स्वीकृति प्राप्त करने सम्बन्धी मामलों में अधिकारियों को सक्रिय रूप से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे न केवल आम लोगों को लाभ होगा बल्कि परियोजना सम्बन्धी लागत से भी बचा जा सकेगा। उन्होंने विभिन्न लम्बित मामलों की निगरानी के लिए नियमित बैठकों का आयोजन करने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव राम सुभग सिंह ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए सम्बन्धित अधिकारी और अधिक समन्वय और समर्पण भाव से कार्य करेंगे।
प्रधान सचिव गृह रजनीश ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।
महाधिवक्ता अशोक शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना और जेसी शर्मा, प्रधान सचिव सुभाषीश पांडा, सचिव विकास लाबरू, राजीव शर्मा और अमिताभ आवस्थी भी बैठक में उपस्थित थे।