शिमला। अतिरिक्त मुख्य सचिव वन , निशा सिंह की अध्यक्षता में हिमाचल प्रदेश जायका वानिकी परियोजना की छठवीं गवर्निंग बॉडी की बैठक सचिवालय के आरएमस डेल भवन में आयोजित हुई।
मुख्यातिथि एवं अन्य प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल एवं मुख्य परियोजना अधिकारी ,श्री नागेश कुमार गुलेरिया ने कहा की कोविड महामारी के उपरांत भी जायका वानिकी परियोजना के पंच वर्षीय कार्यान्वयन फेज की गतिविधियों की प्रगति सुचारू रूप से चलती रही ,जिसकी प्रसंशा जायका सुपरविजन मिशन टीम ने अपने हाल के हिमाचल दौरे के दौरान भी की। उन्होंने पीपीटी के माध्यम से प्रदेश में परियोजना द्वारा किये जा रहे कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की।
अतिरिक्त मुख्य सचिव वन निशा सिंह ने कहा कि ग्राम वन विकास समीतियों तथा स्वयं सहायता समूहों को और शसक्त बनाने के लिये विस्तृत परिशिक्षण कार्यक्रम तैयार किये जायें जिसमे विश्व विद्यालयों ग्रामीण विकास विभाग ,आयुर्वेदा विभाग जैसी संस्थाओं की विशेष सेवाएं ली जाएं।
उलेखनीय है कि लगभग 800 करोड़ रुपये की ज़ायका वानिकी परियोजना का शुभारंभ वर्ष 2017-18 में माननीय मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश जय राम ठाकुर के कर कमलों द्वारा किया गया था , और यह परियोजना 2027-28 तक प्रदेश के 6 जिलों , शिमला मंडी, कुल्लू बिलासपुर , लाहौल स्पीति एवं किन्नौर जिलों के सात वन वृतों के अठारह वन मंडलों में 460 ग्राम वन विकास , समितियों के माध्यम से चलाई जा रही है।
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा जायका वानिकी परियोजना संबंधी गतिविधियों पर आधारित एक स्मारिका का अनावरण भी किया गया तथा जायका द्वारा विशेष रूप से तैयार पी आर ए पर एक लघु फ़िल्म भी प्रदर्शित की गई।
इस अवसर पर प्रधान मुख्य अरण्यपाल HoFF अजय श्रोवात्सव , वन विभाग के वरिष्ठ वन अधिकारी, कृषि , बागवानी, पशु पालन विभाग , नौणी विश्व विद्यालय , कृषि विश्व विद्यालय पालमपुर , राज्य जैव विविधता बोर्ड , आयुर्वेदा विभाग , नाबार्ड सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।