मुख्यमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के पांचवें चरण की घोषणाओं का स्वागत किया

 

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के पांचवें चरण की घोषणाओं का स्वागत किया।

उन्होंने कहा कि मनरेगा के अन्तर्गत बजटीय आवंटन बढ़ाने का स्वागत करते हुए वर्ष 2020-21 के लिए आवंटित बजट 61,000 करोड़ रुपये के प्रावधान में 40,000 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के लोगों को रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध करवाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

जय राम ठाकुर ने कहा कि देश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य अधोसंरचना को स्तरोन्नत करने की घोषणा से भविष्य में कोविड जैसी स्थिति से निपटने में देश की सक्षम बनाने के निर्णय की भी सराहना की। इससे प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य क्षेत्र की अधोसंरचना सुदृढ़ करने में भी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि देश में वैलनेस सेंटर स्थापित किए जाएंगे तथा सभी जिला स्तरीय अस्पतालों में अलग संक्रमण रोग ब्लाॅक स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य परीक्षण प्रयोगशाला नेटवर्क का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा। देशभर में खंड विकास स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। उन्होनंे कहा कि इससे स्वास्थ्य आधारभूत ढांचे में और सुधार होगा और देश में आने वाली किसी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार होगा।

मुख्यमंत्री ने देश में ई-लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा विभिन्न माध्यमों से डिजिटल शिक्षा के लिए प्रधानमंत्री ई-विद्या कार्यक्रम आरम्भ करने की भी सराहना की है। उन्होंने कहा कि ‘एक राष्ट्र एक डिजिटल प्लेटफाॅर्म’ के स्थापना की जाएगी और समर्पित टीवी चैनल्स के माध्यम से ई-लर्निंग की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि इससे विद्यार्थियों को घर से ही शिक्षा ग्रहण करने की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी और भविष्य में लाॅकडाउन के कारण उनकी पढ़ाई में कोई भी बाधा नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि विशेष ई-प्लेटफाॅर्म के माध्यम से दिव्यांग बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।

जय राम ठाकुर ने कहा कि एसएमएसई को डिफाल्टर ऋण के रूप में वर्गीकृत किए जाने से छूट देने की घोषणा से एमएसएमई के खिलाफ अगले एक साल के लिए कोई दिवालिया कार्यवाही नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के लिए एक नई नीति लाने का प्रस्ताव है, जिसमें सभी क्षेत्रों को निजी क्षेत्र के लिए खोला जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे राज्य के खराब स्थिति वाले सार्वजनिक उपक्रमों को पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों की उधार सीमा जीएसडीपी की मौजूदा 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत करने के निर्णय का स्वागत किया।

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