करसोग। देव भूमि में शारदीय नवरात्र के पवित्र पर्व पर विश्व भर में फैली कोरोना महामारी को हराने के लिए विशेष पूजा अर्चना की जा रही है। इसी के तहत उपमंडल के मूल माहूंनाग ककनों के समीप करसोग के एकमात्र जोगणी माता मंदिर में पांचवें नवरात्र को विशेष पूजा अर्चना की गई। जिसमें ग्रामीणों ने माता से विश्व भर में कोरोना महामारी को समाप्त करने की प्रार्थना की। यही नहीं कोरोना वायरस का संक्रमण और न फैले, इसके लिए लोगों ने माता जोगणी के मंदिर में प्रसाद भी वितरित किया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने शारीरिक दूरी का पूरा ख्याल रखा। लोगों का कहना है कि सदियों पहले भी क्षेत्र में महामारी फैली थी। जिसको समाप्त करने के लिए मूल मूलमाहूं ककनो ने माता जोगणी का आह्वान किया था और माता ने प्रकट होकर महामारी को खत्म किया था। जिसके बाद से क्षेत्र में जब भी कोई महामारी फैलती है या लोग असाध्य रोगों से ग्रस्त होते हैं तो माता से मन्नत मांग कर रोगों से मुक्ति पाते हैं। आज भी माता यहां शराणीश्रेयो नामक स्थान पर एक छोटी सी पहाड़ी पर गुफा में वास करती है। ग्रामीण किसी भी प्रकार का कष्ट आने पर मंदिर में आकर पूजा करते हैं और मन्नत पूरी होने के बाद माता को प्रसाद चढ़ाया जाता है। आज विश्व कोरोना महामारी के बुरे दौर से गुजर रहा है। ऐसे ग्रामीणों ने कोरोना महामारी को हराने के लिए मन्नत मांगी है। बता दें कि जोगणी के प्रभाव वाले क्षेत्रों में अभी तक कोरोना पॉजीटिव का एक भी मामला सामने नहीं आया है। लोगों की मान्यता है कि ये सब माता का ही आर्शीवाद है।
सुलोचना शर्मा ने बताया कि करसोग क्षेत्र की जोगणी एक मात्र ऐसी माता है, जो सभी तरह के रोगों का नाश करती है। बुजुर्गों से सुना है सदियों पहले भी क्षेत्र में कोरोना की तरह ही कोई महामारी फैली थी। उस वक्त मूलमाहूं नाग ककनो ने माता का आवाह्न किया था और माता के महामारी को समाप्त करने की प्रार्थना की गई थी। उसी तरह से आज भी हमने जोगणी माता से पूरे विश्व से कोरोना महामारी को समाप्त करने की प्रार्थना की और प्रसाद भी वितरित किया।