मातृ-शिशु स्वास्थ्य के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए प्रदेश में चलाया जाएगा विशेष अभियानः जय राम ठाकुर

\"\"

शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि मातृ-शिशु स्वास्थ्य एक स्वस्थ समाज और समृद्ध हिमाचल के लिए महत्वपूर्ण है और इस बारे मंे लोगों को जागरूक करने के लिए प्रदेश में एक विशेष अभियान शुरू किया जाएगा। वह आज यहां राज्य सरकार और नीति आयोग द्वारा पोषण और सहकारी संघवाद विषय पर आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पोषण को एक जन आंदोलन बनाने के लिए जमीनी स्तर पर और अधिक जागरूकता लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पोषण जागरूकता के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण पूर्ण कर लिया है और अब 18,925 आंगनबाड़ी और 5,99,643 लाभार्थियांे को पोषण ट्रैक्कर पर पंजीकृत किया जा रहा  हैं। उन्होंने कहा कि अति कुपोषित एवं मध्यम कुपोषित बच्चों के प्रबंधन के लिए हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से एक मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की गई है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश को सबसे पसंदीदा पर्यटन गंतव्य बनाने के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा कि हिमाचल का लगभग प्रत्येक क्षेत्र प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण है, लेकिन बेहतर सम्पर्क सुविधा यहां सबसे प्रमुख चुनौती है। उन्होंनेे कहा कि 15वें वित्त आयोग ने हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार और उन्नयन के लिए 400 करोड़ रूपये, मण्डी जिला में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के निर्माण के लिए एक हजार करोड़ रूपये और ज्वालामुखी मंदिर के लिए पेयजल और मल निकासी योजना के सुधारीकरण के लिए 20 करोड़ रूपये की अनुशंसा की है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक राजस्व घाटे वाला राज्य है और विभिन्न आधारभूत संरचना परियोजनाओं में निवेश के लिए राज्य के पास सीमित साधन हंै। ऐसे में इन परियोजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए उदार सहायता की आवश्यकता है।

राज्य मंे रेल सम्पर्क बढ़ाने पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें भू-अधिग्रहण सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने इस विषय पर राज्य को क्षतिपूर्ति प्रदान करने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि इससे हिमाचल मंे रेल नेटवर्क को सुदृढ़ किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सत्त यातायात व्यवस्था को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से अपनी इलेक्ट्रिक व्हीकल पाॅलिसी तैयार की है ताकि हिमाचल प्रदेश को विद्युत गतिशीलता विकास और इलैक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में वैश्विक केन्द्र बनाया जा सके और विद्युत चालित वाहनों के लिए सार्वजनिक एवं निजी चार्जिंग आधारभूत संरचना तैयार की जा सके। इसके लिए विद्युत चालित वाहन निर्माता उद्योगों को अनुदान और प्रोत्साहन भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने बजट का एक बड़ा हिस्सा सामाजिक सेवा क्षेत्र में व्यय कर रही है। उन्होंने कहा कि खाद्य एवं फल प्रसंस्करण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि किसानों और बागवानों को उनकी उपज का उचित मूल्य प्राप्त हो सके।

जय राम ठाकुर ने कहा कि भारत के संघात्मक ढांचे मंे केन्द्र एवं राज्यों के मध्य बेहतर सहयोग के लिए नीति आयोग की भूमिका और भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा बाह्य सहायता के लिए केन्द्र को प्रेषित प्रस्तावों को बहुत कम समय मंे सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ स्वीकृति प्रदान करने के लिए केन्द्र एवं नीति आयोग का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि एक छोटा राज्य होने और विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद हिमाचल ने अपनी लक्षित पात्र जनसंख्या को कोविड-19 टीकाकरण का शत्-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश मातृ एवं शिशु को बेहतर पोषण प्रदान करने का लक्ष्य प्राप्त कर देश मंे अग्रणी बनकर उभरा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सूचना प्रौद्योगिकी का बेहतर प्रयोग कर राज्य को सुशासन के क्षेत्र मंे और आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए प्रक्रियाओं का सरलीकरण, पारदशर््िाता, जबावदेही, राज्य के सभी नागरिकों को आवश्यकतानुसार गुणवत्तापूर्ण व समयबद्ध सूचना उपलब्ध करवाने के लिए प्रयास किए जा रहे हंै। उन्हांेने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विभागों के माध्यम से ई-गवर्नेंस के क्षेत्र मंे कई पहल लागू की गई हंै और कुछ अन्य के क्रियान्वयन का कार्य जारी है। उन्हांेने कहा कि राज्य के प्रत्येक नागरिक का कल्याण प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है और पब्लिक अफेयर्स सेंटर, बैगलुरू ने हिमाचल को वर्ष 2017 और 2018 मंे छोटे और पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में सुशासन मंे प्रथम स्थान और वर्ष 2019 मंे द्वितीय स्थान पर आंकते हुए इसे मान्यता दी है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि नीति आयोग द्वारा आयोजित यह कार्यशाला पोषण एवं स्वास्थ्य संबंधी मामलों पर चर्चा के अतिरिक्त विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालयों के पास लंबित मामलों के निपटान मंे भी सहायक सिद्ध होगी। उन्हांेने विश्वास जताया कि डाॅ. वी.के. पाॅल और उनके सहयोगी इन मामलों के शीघ्रातिशीघ्र हल के लिए हर सम्भव प्रयास करेंगे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सुशासन सूचकांक के तहत संबंधित उपायुक्तों को पुरस्कार प्रदान किए। सुशासन सूचकांक में हमीरपुर जिला प्रथम, बिलासपुर जिला द्वितीय एवं कुल्लू जिला तृतीय स्थान पर रहा। हिमाचल प्रदेश सरकार के आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा जिला सुशासन सूचकांक पर रिपोर्ट तैयार की गई है। यह रिपोर्ट सभी के तुलनात्मक प्रदर्शन का आंकलन करने के लिए सात विषयों, 19 केन्द्रित विषयों और 75 संकेतकों पर एकत्रित 12 जिलों के सेकेण्डरी डेटा के आधार पर तैयार की गई है। हिमाचल प्रदेश, देश का पहला राज्य है जिसने महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुशासन की गुणवत्ता का आंकलन करना शुरू किया है।

मुख्यमंत्री ने हैंडबुक आॅन पर्सनल मैटर्ज-2021 का अद्यतन संस्करण भी जारी किया।

नीति आयोग के सदस्य डाॅ. वी.के. पाॅल ने हिमाचल प्रदेश में आकांक्षात्मक पोषण परिणाम प्राप्त करना विषय पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने लक्षित पात्र आयु वर्ग के शत-प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हिमाचल प्रदेश की सराहना की। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश के अन्य राज्यों की तुलना में काफी बेहतर है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से गर्भवती महिलाओं के लिए आयरन फोलिक एसिड को दोगुना करने से प्रदेश में बेहतर एनीमिक परिदृश्य सामने आया है। उन्होंने मातृ वंदना योजना के तहत राज्य सरकार की उपलब्धियों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य ने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रगति की है, लेकिन एनीमिया की समस्या चिंता का विषय बनी हुई है। उन्होंने कम वजन वाले शिशुओं पर विशेष अभियान शुरू करने की आवश्यकता पर भी बल दियाजिसका उद्देश्य वर्ष 2024 तक ओआरएस और जिंक द्वारा डायरिया से होने वाली मृत्यु को पूर्णतः शून्य करना है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पूरक आहार के लिए जन आंदोलन और एनीमिया मुक्त हिमाचल मिशन को तेज करना समय की आवश्यकता है। उन्होंने वर्ष 2023-24 तक राज्य को टीबी मुक्त बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की लगभग 2 की पाॅजिटिवी दर के दृष्टिगत जिला और निचले स्तर पर कड़ी निगरानी की आवश्यकता है।

इस अवसर पर नीति आयोग के अतिरिक्त सचिव डाॅ. राकेश सरवाल ने देश और हिमाचल प्रदेश में विभिन्न सामाजिक संकेतकों के संबंध में एक प्रस्तुति दी।

मुख्य सचिव राम सुभग सिंह ने कहा कि राज्य सरकार नीति आयोग के सदस्य द्वारा दिए गए सुझावों और सिफारिशों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश स्वस्थ एवं खुशहाल हिमाचल के लक्ष्य को निश्चित रूप से प्राप्त करेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री और नीति आयोग को आयोग की सिफारिशों को कार्यान्वित करने के लिए प्रभावी कदम उठाने का भी आश्वासन दिया।

अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने अपने बजट में कहा है कि सरकार बच्चों में कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए विस्तृत अध्ययन कर इसके आधार पर एक कार्य योजना तैयार करेगी।

नीति आयोग के फेलो अरविंद मेहता, अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय गुप्ता, आर.डी. धीमान और जे.सी. शर्मा, प्रधान सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष, नीति आयोग की प्रतिनिधि सुदेन्धु ज्योति सिन्हा, डाॅ. नीना भाटिया, हेमंत मीणा और यूनिसेफ तथा एसएएस, सीएचआरडी के प्रतिनिधि व अन्य अधिकारी कार्यशाला में उपस्थित थे।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *