अनुसूचित जाती आयोग के नवीन कार्यालय का सुभारम्भ कल करेंगे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर : वीरेंद्र

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• हिमाचल प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग कुल आबादी का 28% हिस्सा है
• संविधान के अंतर्गत अनुसूचित जाति वर्ग के लिए दिए अधिकारों को अच्छे से लागू करना हमारा कर्तव्य
• हम नई नीतियों के बारे में चिंता कर उन नीतियों को सरकार में लागू करने हुते सिफ़ारिश करेगें
• अनुसूचित जाति के कोटे का अच्छे से कार्यान्वयन हो इस पर भी विचार किया जाएगा

शिमला। हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाती आयोग के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद वीरेंद्र कश्यप ने कहा कि अनुसूचित जाती आयोग का गठन 2016 में हुआ था और 6 अगस्त 2021 को इस आयोग का पुनर्गठन किया गया था।
उन्होंने बताया कि कल तीन बजे इस आयोग के नवीन कार्यालय छोटा शिमला के सुभारम्भ पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसमे मुख्यातिथि के रूप में प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर उपस्थित रहेंगे उनके साथ प्रदेश के शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज एवं सामाजिक न्याय मंत्री सरवीण चौधरी विशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
उन्होंने कहा की कार्यालय के सुभारम्भ के उपरांत यह आयोग नियमित कार्य करना शुरू करेगा।
हिमाचल प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग कुल आबादी का 28% हिस्सा है जो कि अन्य राज्यों के मुकाबले में काफी ज्यादा है। समाज मे यह वर्ग समाजिक एवं शिक्षा के क्षेत्र में काफी पिछड़ा हुआ रहा, पर केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ग को बल दिया है।
इस आयोग के माध्यम से संविधान के अंतर्गत अनुसूचित जाति वर्ग के लिए दिए अधिकारों को अच्छे से लागू करना हमारा कर्तव्य है और इस वर्ग के लोगों को जो समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है उनका जल्द से जल्द समाधान करना हमारा लक्ष्य रहेगा।
इस आयोग के माध्यम से असामाजिक तत्वों का भी निपटारा किया जाएगा, साथ ही हम नई नीतियों के बारे में चिंता कर उन नीतियों को सरकार में लागू करने हुते सिफ़ारिश करेगें।
भारत सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के लिए विशेष बजट में करोड़ों रुपये की राशि आती है, इस राशि का सभी इस्तेमाल किया जाए उनके लिए एक समिति का गठन भी किया जाएगा। हम चिंता करेगे की इस राशि का दुरुपयोग ना हो।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के कोटे का अच्छे से कार्यान्वयन हो इस पर भी विचार किया जाएगा, चौथी और तीसरी क्षेणी की सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति के लिए 25% कोटे के प्रावधान है पर प्रथम एवं द्वितीय क्षेणी की सरकारी नौकरियों में यह कोटा सही रूप से लागू नहीं हो पाया है,  इसको लेकर हम नीतिगत कार्य करेंगे।

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