शिमला। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) से एनएसयूआई के 3 छात्र नेताओं को निष्कासित कर दिया है। निष्कासित होने वाले एमटीटीएम विभाग के विद्यार्थी यासीन मोहम्मद, एमफिल ग्रामीण विकास के विद्यार्थी विनोद कुमार व पीजी डिप्लोमा इन अंबेदकर स्टडीज के विद्यार्थी प्रवीण शामिल हैं। आरोप है कि उक्त विद्यार्थियों ने बीते दिनों पूर्व कुलपति कार्यालय में अपना मांग पत्र सौंपते हुए हंगामा किया था। इसके बाद मामले को लेकर विश्वविद्यालय के डीन ऑफ स्टडीज की अध्यक्षता मेें बैठक आयोजित हुई। बैठक में मामले पर गौर करते हुए तीनों विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय से निष्कासित करने के आदेश जारी किए। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। बताया जा रहा है कि ये विद्यार्थी पहले से कंडक्ट प्रोबेशन पर चल रहे थे।
इन विद्यार्थी के निष्कासन आदेश जारी होने के बाद एनएसयूआई ने इसका विरोध शुरू करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष छत्तर सिंह ठाकुर ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने यदि निष्कासन के यह आदेश तुरंत वापस नहीं लिए तो प्रदेशभर में आंदोलन शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आंदोलन के रूप में सचिवालय का घेराव भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई के छात्र कार्यकर्ता विद्यार्थियों के हितों से संबंधित मांगों को लेकर कुलपति से मिलने गए थे और मांग की थी कि विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी व होस्टलों को खुला रखा जाए लेकिन मांगों को अनसुना किया गया और अब एनएसयूआई के 3 छात्र नेताओं को निष्कासित कर दिया गया है, जिसका संगठन विरोध करता है।
उन्होंने कहा कि एनएसयूआई ने बुधवार को समरहिल चौक पर मांगों को लेकर प्रदर्शन भी किया। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक देश में सभी को मांगें उठाने का हक है और इस तरह की कार्रवाई का एनएसयूआई विरोध करता है। उन्होंने कहा कि बीते दिनों पूर्व विश्वविद्यालय में 2 छात्र गुटों के बीच हिंसक झड़प हुई थी और एसएफआई और विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे पर दराट, डंडे और रॉड से हमला किया था, लेकिन इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अगर निष्कासन के आदेशों को तुरंत वापस नहीं लेता है तो आंदोलन शुरू किया जाएगा।