मुख्यमंत्री ने घर पर आइसोलेशन में रह रहे सभी लोगों की स्वास्थ्य जांच के निर्देश दिए

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शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश जारी किए हैं कि उन सभी लोगों की स्वास्थ्य जांच की जाए, जिन्होंने कोविड-19 की स्थिति के चलते घर पर आइसोलेशन में रहने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि यह महसूस किया गया है कि ऐसे लोग उस समय अस्पताल जाते हैं जब उनकी तबीयत खराब हो जाती है।

मुख्यमंत्री आज यहां से प्रदेश के उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, मेडिकल काॅलेजों के प्रधानाचार्यों और वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षकों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बोधित कर रहे थे।

जय राम ठाकुर ने कहा कि शिक्षा, सूचना और संचार पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि कोरोना जैसेे लक्षण सामने आने के बाद सम्बन्धित व्यक्ति तुरंत अस्पताल जाकर अपनी जांच करवा सकें। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के ‘मास्क अप कैंपेन’ को सफल बनाने के लिए विशेष प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों को कोविड-19 रोगियों के साथ समुचित सम्पर्क बनाए रखना चाहिए क्योंकि इससे रोगियों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ में सहायता मिलती है। यह पाया गया है कि कोविड के कारण 90 प्रतिशत मृत्यु रोगियों को अस्पताल पहुंचाने के 24 घंटों में हो रही है।

उन्होंने कहा कि वरिष्ठ चिकित्सकों को अस्पतालों में दाखिल कोविड मरीजों से मिलना चाहिए ताकि उनके अन्दर सुरक्षा की भावना पैदा हो। उन्होंने चिकित्सकों से मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए मरीजों का उपचार करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि वरिष्ठजनों और पहले से विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रसित लोगों के उपचार पर विशेष ध्यान दिया जाए क्योंकि उनका स्वास्थ्य काफी तेजी से बिगड़ सकता है। उन्होंने घर पर ही आइसोलेशन में रह रहे कोविड मरीजों की स्वास्थ्य जांच के लिए किसी प्रभावकारी तंत्र विकसित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

जय राम ठाकुर ने कहा कि त्यौहारों के मौसम को ध्यान में रखते हुए लोगों को समुचित परस्पर दूरी बनाए रखने, फेस मास्क और सेनेटाइजर का इस्तेमाल करने के लिए त्वरित किया जाना चाहिए क्योंकि केवल बचाव से ही इस वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है। इसके अलावा लोगों को अनावश्यक रूप से सामाजिक समारोहों में शामिल नहीं होने के लिए भी प्रोत्साहित करना चाहिए। इस दिशा में गैर सरकारी संगठनों और स्थानीय नेताओं की सहायता भी ली जा सकती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्दियों का मौसम शीघ्र आरम्भ होने जा रहा है इसलिए लोगों को अधिक बचाव के उपाय अपनाने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है। कोविड देखभाल केन्द्रों में दाखिल रोगियों को गरम पानी और पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाया जाना चाहिए। इन केन्द्रों को भोजन गरम करने की मशीनें खरीदनी चाहिए और हीटर सहित मनोरंजन के विभिन्न साधनों जैसे संगीत और टेलिविजन आदि की भी व्यवस्था की जानी चाहिए।

जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में टेस्टिंग सुविधा बढ़ाने की दिशा में विशेष बल दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एचएलएल को अस्पतालों में पर्याप्त मशीनों के साथ-साथ आउटसोर्स आधार पर स्टाफ उपलब्ध करवाने का आग्रह किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे कोविड अस्पतालों और कोविड केयर केन्द्रों का भार कम होगा।

स्वास्थ्य मन्त्री डाॅ. राजीव सैजल ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए स्वास्थ्य विभाग को सुदृढ़ करने में गहरी रूचि लेने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने सार्वजनिक कार्यक्रमों जैसे शादियों में भीड़ के कारण संक्रमण को फैलने से रोकने की आवश्यकता पर बल दिया।

मुख्य सचिव अनिल खाची ने कहा कि प्रदेश को अब शून्य मृत्यु दर प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए, जिसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन के नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने कहा कि पुलिस सार्वजनिक स्थलों में लोगों को सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करवाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है।

स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने कहा कि विभाग यह सुनिश्चित बना रहा है कि प्रदेश में प्रतिदिन चार हजार कोविड टैस्ट किए जाएं। उन्होंने कहा कि लोगों को अधिक सजग रहने की आवश्यकता है, क्योंकि शरद ऋतु के दौरान संक्रमण में बढ़ोतरी देखी जा सकती है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन परियोजना निदेशक डाॅ. निपुण जिंदल ने ‘गाइडलाइन फाॅर क्रिएशन आॅफ हेल्थ केयर वर्कर डाटा बेस फाॅर कोविड-19 वैक्सीनेशन’ पर प्रस्तुति दी।

अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह मनोज कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव, राजस्व आरडी धीमान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जेसी शर्मा और अन्य अधिकारी इस बैठक में उपस्थित थे।

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