शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां ऐतिहासिक गेयटी थियटर में हिमाचल प्रदेश कला, संस्कृति तथा भाषा अकादमी द्वारा आयोजित शिखर सम्मान, कला सम्मान, साहित्य पुरस्कार, स्वैच्छिक संस्था सम्मान, चम्बा रूमाल पहाड़ी चित्रकला सम्मान पुरस्कार वितरण समारोह, 2022 की अध्यक्षता करते हुए कहा कि साहित्य महत्वपूर्ण है क्योकि यह बौद्धिक क्षमता को बढ़ाता है तथा समाज को इस दुनिया को देखने का एक अलग नज़रिया प्रदान करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की समृद्ध संस्कृति, धरोहर तथा साहित्य के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है तथा सरकार द्वारा लेखकों, कलाकारों, कारीगरों तथा शिल्पकारों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक योजनाएं आरंभ की गई हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019, 2020 तथा 2021 के लिए साहित्य पुरस्कार सभी विजेताओं को समय पर दिए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कलाकार राज्य के समृद्ध सांस्कृतिक संग्रह के संरक्षण मंे अहम भूमिका निभा रहे हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि विद्यानंद सरैक तथा ललिता वकील को पद्मश्री पुरस्कारों से पुरस्कृत करना प्रदेश के लिए गौरव की बात है। उन्हांेने कहा कि ललिता वकील लगभग 50 वर्षों से चम्बा रूमाल को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही है तथा इस पुरस्कार से न केवल उनको बल्कि जिला चम्बा की पारम्परिक कला चम्बा रूमाल को भी पहचान मिली है। इसी प्रकार विद्यानंद सरैक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं जो पहाड़ी संस्कृति के संरक्षण तथा पुनरूद्धार के लिए लम्बे समय से कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए आचार्य केशव शर्मा को भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी शिखर साहित्य सम्मान-2017 तथा डाॅ. ओ.सी. हाण्डा को भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी शिखर साहित्य सम्मान-2018 से सम्मानित किया। इसी प्रकार मोहन राठौर को कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए महाराजा संसार चंद शिखर कला सम्मान-2017 तथा चम्बा रूमाल को बढ़ावा देने के लिए दिनेश कुमारी को महाराजा संसार चंद शिखर कला सम्मान-2018 प्रदान किया गया। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक-एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया है।
जय राम ठाकुर ने प्रो. हिम चटर्जी को सरदार सोभा सिंह ललित कला पुरस्कार-2016 प्रदान किया।
शिक्षा तथा भाषा, कला एवं संस्कृति मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने नंद लाल ठाकुर को सरदार सोभा सिंह ललित कला पुरस्कार-2017 तथा खीमी राम को सरदार सोभा सिंह ललित कला पुरस्कार-2018 प्रदान किया। ज्वाला प्रसाद शर्मा को मनोहर सिंह निष्पादन कला सम्मान-2016, संजय सूद को मनोहर सिंह निष्पादन कला सम्मान-2017 तथा एस.डी.कश्यप को मनोहर सिंह निष्पादन कला सम्मान-2018 से सम्मानित किया गया। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को 51 हजार रुपए का नकद पुरस्कार तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
गोविन्द सिंह ठाकुर ने वर्ष 2015 के लिए डाॅ. इन्द्र सिंह ठाकुर को उनकी पुस्तक तुम ही तो थे, वर्ष 2016 के लिए सरोज परमार को उनकी पुस्तक मैं नदी होना चाहती हूं तथा वर्ष 2018 के लिए विक्रम मुसाफिर को उनकी पुस्तक फिर वही सैलाब के लिए पण्डित भवानीदत्त शास्त्री हिन्दी कविता पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्होंने वर्ष 2015 के लिए स्वर्गीय बद्री सिंह भाटिया को उनके उपन्यास डेंजर जोन, वर्ष 2017 के लिए डाॅ. गंगा राम राजी को उनके उपन्यास एक थी रानी खैरगढ़ी तथा वर्ष 2018 के लिए विक्रम गथानिया को उनके उपन्यास गांव की एक शाम के लिए डाॅ. यशवन्त सिंह परमार हिन्दी साहित्य गद्य पुरस्कार से पुरस्कृत किया। उन्हांेने वर्ष 2015 के लिए विद्यासागर नेगी को उनकी पुस्तक एक हिमाचली चरवाहे की आध्यात्मिक यात्रा तथा वर्ष 2018 के लिए डाॅ. सूरत ठाकुर को उनकी पुस्तक हिमाचल का जनजातीय लोक संगीत के लिए राम सिंह ठाकुर हिन्दी साहित्य विविध विधा पुरस्कार प्रदान किया।
शिक्षा तथा भाषा, कला एवं संस्कृति मंत्री ने वर्ष 2015 के लिए आचार्य केशव राम शर्मा को उनकी पुस्तक श्रीशालग्रामचरितम् के लिए आचार्य दिवाकर शर्मा संस्कृत साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया।
गोविन्द सिंह ठाकुर ने वर्ष 2016 के लिए डाॅ. चन्द्ररेखा ढडवाल को उनकी पुस्तक अक्खर अक्खर जुगनू तथा वर्ष 2018 के लिए विनोद कुमार भावुक को उनकी पुस्तक मेरीयां गल्लां गाजलबेल के लिए डाॅ. विद्याचंद ठाकुर पहाड़ी साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्हांेने जाहिद अबरोल को उनकी पुस्तक दरिया दरिया साहिल साहिल के लिए लाल चंद प्रार्थी उर्दू साहित्य पुरस्कार 2016 से सम्मानित किया।
उन्होंने ऐक्टिव मोनाल कल्चरल एसोसिएशन कुल्लू को स्वैच्छिक संस्था सम्मान 2016 तथा डाॅ. प्रियंका वैद्य को उनकी पुस्तक लोटस राइज़िस इन मड के लिए ठाकुर सेन नेगी अग्रेजी साहित्य पुरस्कार 2018 से पुरस्कृत किया। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को 51 हजार रुपये का नकद पुरस्कार तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। उन्होंने पहाड़ी चित्रकला प्रतियोगिता पुरस्कार 2016 तथा चम्बा रूमाल प्रतियोगिता पुरस्कार 2016 के विजेताओं को भी पुरस्कार प्रदान किए।
शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने इस अवसर पर अपने विचार भी प्रकट किए।
हिमाचल प्रदेश कला, संस्कृति तथा भाषा अकादमी के सचिव डाॅ. कर्म सिंह ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री तथा अन्य उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।
इस अवसर पर सचिव भाषा, कला एवं संस्कृति राकेश कंवर तथा निदेशक भाषा कला एवं संस्कृति डाॅ. पंकज ललित भी अन्य गणमान्य व्यक्तियों सहित उपस्थित थे।