शिमला। राज्य सरकार प्रदेश में वन्यप्राणियों के संरक्षण के प्रति सचेत हैं जिसके लिए राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना राष्ट्रीय स्तर पर हुई है। यह बात आज यहां मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने राज्य वन्यप्राणी बोर्ड की 10वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संबद्ध विभागों में समन्वय सुनिश्चित कर सभी विकासात्मक परियोजनाओं के निर्माण कार्य में तेजी लाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसी परियोजनाओं की भी योजना बनाई जानी चाहिए जिन्हें पर्यटन गतिविधियों से जोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि मेगा वाइल्ड लाइफ प्रोजेक्टस तैयार करने का भी प्रयास किया जाना चाहिए, जिन्हें केंद्रीय वित्त पोषण के लिए भेजा किया जा सके।
जय राम ठाकुर ने कहा कि वन्य जीवों का संरक्षण महत्त्वपूर्ण है, लेकिन साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वन्यप्राणी क्षेत्रों से संबंधित विभिन्न मामलों के विकास कार्य बाधित न हों। उन्होंने अधिकारियों को थुनाग-पजूत-लंबासफर-चिलमगढ़-शिकारीदेवी से प्रस्तावित सड़क निर्माण के लिए समयबद्ध स्वीकृति सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने दुर्लभ हिमालयी प्रजातियों के पशु-पक्षियों के संरक्षण के लिए ठोस योजना बनाए जाने पर भी बल दिया।
बैठक में मैसर्स प्रीमियर अल्कोबेव प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कांगड़ा जिले के औद्योगिक क्षेत्र संसारपुर टैरेस में ग्रेन बेसड डिस्टिलरी और सह-उत्पादन बिजली संयंत्र के विस्तार के मामले को राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड को अनुशंसित संस्तुत करने का भी निर्णय लिया गया।
बोर्ड ने रकछम-छितकुल वन्यप्राणी अभयारण्य के भीतर भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल द्वारा नगासति में हेलीपैड के निर्माण के लिए 0.0375 हेक्टेयर वन भूमि के डाइवर्जन को स्वीकृति प्रदान की तथा इसे राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड को अनुशंसित करने को स्वीकृति प्रदान की।
इस अवसर पर बोर्ड के गैर सरकारी एवं सरकारी सदस्यों ने भी अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।
प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन्यप्राणी एवं मुख्य वन्यप्राणी संरक्षक राजीव कुमार ने मुख्यमंत्री तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने बैठक का संचालन करते हुए पूर्व बैठक की कार्य सूची पर कार्यवाही की रिपोर्ट तथा वन्यप्राणी खण्ड की विभिन्न गतिविधियों पर प्रस्तुति भी दी।
बंजार के विधायक तथा राज्य वन्यप्राणी बोर्ड के सदस्य सुरेन्द्र शौरी, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन निशा सिंह, प्रधान मुख्य आरण्यपाल (वन बल प्रमुख) अजय श्रीवास्तव तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।